नयी दिल्ली, छह अगस्त उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों को धमकाए जाने की घटनाओं को शुक्रवार को 'गंभीर' करार दिया और राज्यों से न्यायिक अधिकारियों को दी जा रही सुरक्षा पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया जिसने धनबाद में एक न्यायाधीश को कथित रूप से वाहन से कुचले जाने की हालिया घटना की जांच अपने हाथ में ली है।
झारखंड की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि 28 जुलाई की घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा कि ऐसे कई मामले हैं जिनमें गैंगस्टर और हाई-प्रोफाइल व्यक्ति शामिल हैं और न्यायाधीशों को धमकी या अपशब्दों वाले संदेश मिलने के उदाहरण हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘न्यायाधीशों को शिकायत दर्ज कराने की भी आजादी नहीं है।’’ पीठ ने कहा कि यदि ऐसी शिकायतें दर्ज की जाती हैं तो पुलिस या सीबीआई न्यायपालिका की मदद नहीं करती है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम झारखंड मामले की सुनवाई सोमवार (9 अगस्त) को करेंगे। हम सीबीआई को नोटिस जारी कर रहे हैं।’’
धनबाद की घटना के मद्देनजर, शीर्ष अदालत ने अदालतों और न्यायाधीशों की सुरक्षा के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया है।
धनबाद अदालत के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद 28 जुलाई को सुबह की सैर पर निकले थे, तभी सदर थानाक्षेत्र में जिला अदालत के पास रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटो-रिक्शा ने उन्हें टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई।
अमित शाहिद
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