नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक वकील द्वारा यह दावा किए जाने के बाद नाखुशी व्यक्त की कि दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने शीर्ष अदालत में महिला न्यायाधीशों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने पर सवाल उठाए हैं।
वकील की इस टिप्पणी से नाखुश पीठ ने कहा, ‘‘बस बहुत हो गया। अदालत के साथ खिलवाड़ नहीं करें।’’
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जवल भुइयां की पीठ दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) में महिला वकीलों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान, मामले में पेश हुए एक वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय के अधिवक्ता पूछ रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय में कितनी महिला न्यायाधीश हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘अगर आपको ये सब बातें कहकर दर्शकों को खुश करना है, तो कृपया ऐसा करें। इसे 10 बार कहें। आप आग में घी डाल रहे हैं। मीडिया को सुनने दें। अदालत के साथ खिलवाड़ नहीं करें। बस बहुत हो गया।’’
पीठ ने बार निकाय से कोई और स्पष्टीकरण सुनने से इनकार कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘हम कुछ नहीं सुनेंगे। अब हम इस मामले के व्यापक मुद्दों पर विचार करेंगे और अंतिम रूप से इस मुद्दे पर निर्णय लेंगे।’’
पीठ ने अंतिम बहस के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की और कहा कि इसके बाद तीन दिन में इस मुद्दे पर फैसला सुनाया जाएगा।
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