देश की खबरें | अदालत ने लड़की का यौन उत्पीड़न करने के लिए तांत्रिक को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने के मामले में एक तांत्रिक को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र से 13-वर्षीय लड़की के भाई का इलाज करने के नाम पर उसका कई बार यौन उत्पीड़न किया।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अदिति गर्ग 45-वर्षीय तांत्रिक के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही थीं। इस व्यक्ति को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा-छह (गंभीर यौन हमला) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण) के तहत दोषी ठहराया गया था।

अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने दोषी व्यक्ति के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि व्यक्ति ने 2018 में पीड़िता के भाई का इलाज ‘‘किसी तांत्रिक विधि या झाड़-फूंक’’ से करते हुए लड़की का बार-बार यौन उत्पीड़न किया।

अदालत ने दो दिसंबर को दिये अपने फैसले में कहा, ‘‘पॉक्सो अधिनियम की धारा-छह के तहत अपराध के लिए दोषी को 20 साल के कठोर कारावास और 15,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई जाती है।’’

अदालत ने अपहरण के लिए उसे तीन साल के कठोर कारावास की भी सजा सुनाई। ‘‘ये सजाएं एक साथ चलेंगी।’’

मुआवजा देने के पहलू के बारे में न्यायमूर्ति गर्ग ने कहा कि यौन उत्पीड़न के अपराधों की सुनवाई करने वाली अधीनस्थ अदालतों को पीड़ितों को मुआवजा देने का अधिकार है, क्योंकि यह मूलभूत मानवाधिकारों के खिलाफ अपराध है।

अदालत ने पीड़िता को दो लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने का आदेश दिया।

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