देश की खबरें | न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर रिपोर्ट मांगी

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में मंगलवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से रिपोर्ट मांगी।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने सर्दी के दौरान वायु प्रदूषण की समस्या और पराली जलाए जाने को लेकर न्याय मित्र के रूप में शीर्ष अदालत की सहायता कर रहीं वरिष्ठ वकील अपराजिता सिंह की दलीलों पर गौर किया।

पीठ ने कहा कि न्यायमित्र ने सर्दी आने पर पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की "गंभीर समस्या" को चिह्नित किया और कहा है कि ये मुद्दे सीएक्यूएम के समक्ष हैं।

पीठ ने कहा, ''हम सीएक्यूएम से राजधानी और उसके आसपास वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में तत्काल एक रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध करते हैं।''

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को तय की है।

सिंह ने पीठ से कहा, "मेरा एक अनुरोध है। शरद ऋतु की शुरुआत और दिवाली आने के साथ, वायु प्रदूषण की समस्या वास्तव में बढ़ने वाली है।"

उन्होंने पीठ से अनुरोध किया कि इस अवधि के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपायों और इससे भी महत्वपूर्ण फसल अवशेष जलाने के मुद्दे पर सीएक्यूएम से रिपोर्ट मांगी जाए।

सिंह ने कहा कि आयोग इन मुद्दों पर गौर कर रहा है और वे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट दे सकते हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)