देश की खबरें | न्यायालय ने मादक पदार्थ जब्ती मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए कथित तौर पर मादक पदार्थ रखने से जुड़े मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के बर्खास्त अधिकारी संजीव भट्ट की तीन याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं और उन पर जुर्माना भी लगा दिया। भट्ट ने मामले में निचली अदालत के न्यायाधीश पर पक्षपात का आरोप भी लगाया था।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर करने को लेकर प्रत्येक याचिका के हिसाब से एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया और आदेश दिया कि यह राशि गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के पास जमा की जाए।

पीठ ने भट्ट द्वारा दायर इसी तरह की याचिका पर एक अन्य पीठ के पहले के आदेश का हवाला देते हुए कहा, ''आप कितनी बार उच्चतम न्यायालय आए हैं... कम से कम एक दर्जन बार।''

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने एक याचिका में पक्षपात का आरोप लगाते हुए मुकदमे को दूसरे सत्र न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दूसरी याचिका में निचली अदालत की कार्यवाही की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए निर्देश दिए जाने का आग्रह भी किया था।

भट्ट ने एक अन्य याचिका में मामले में अतिरिक्त सबूत जोड़ने का अनुरोध किया था।

गुजरात सीआईडी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी को 2018 में गिरफ्तार किया था। मामला एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए कथित तौर पर मादक पदार्थ रखे जाने से संबंधित है।

तत्कालीन पुलिस अधिकारी भट्ट ने 1996 में वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को लगभग एक किलोग्राम मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

इससे पहले, एक अन्य पीठ ने दस मई को भट्ट की एक अलग याचिका खारिज कर दी थी।

साजन नरेश नेत्रपाल

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