देश की खबरें | न्यायालय ने आयुर्वेदिक उपचार कराने के लिए सजा निलंबित करने का आसाराम का अनुरोध खारिज किया

नयी दिल्ली, 31 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने यौन हमलों के मामलों में आजीवन कारावास सहित अलग-अलग अवधि की कैद की सजा काट रहे आसाराम की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें स्वयंभू बाबा ने अपना आयुर्वेदिक उपचार के लिए सजा को कुछ महीने निलंबित करने का अनुरोध किया था।

अदालत ने आसाराम का आग्रह खारिज करते हुए कहा कि किया गया अपराध ‘‘किसी भी तरह साधारण अपराध नहीं था।’’

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने राजस्थान सरकार के इस जवाब का संज्ञान लिया कि दोषी को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया गया है।

पीठ ने याचिका खारिज करते हुए मौखिक रूप से कहा, ‘‘...यह किसी भी तरह साधारण अपराध नहीं था। आपको आपका पूरा आयुर्वेदिक उपचार जेल में ही मिलेगा।’’

दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने कहा कि उनके मुवक्किल को उसकी बीमारियों के उपचार के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है।

राज्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष सिंघवी ने कहा कि दोषी को जेल में ही अच्छा उपचार मिल रहा है और याचिका खारिज की जानी चाहिए।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)