बेंगलुरु, 25 जुलाई बेंगलुरु की एक अदालत ने रेणुकास्वामी हत्याकांड के सिलसिले में जेल में बंद कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता दर्शन थुगुदीपा की उस को याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया था कि उन्हें जेल में घर का खाना उपलब्ध कराने की अनुमति दी जाए।
उन्होंने यह भी अनरोध किया कि उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बर्तन, कपड़े, बिस्तर और किताबें उपलब्ध कराने की इजाजत दी जाए।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में दर्शन को इस संबंध में मजिस्ट्रेट अदालत का रुख करने का निर्देश दिया था।
अपनी याचिका में दर्शन ने यह भी कहा था कि उनका वजन कई किलोग्राम कम हो गया है, क्योंकि वे जेल भोजन को खाने और पचाने में असमर्थ हैं। यह भी उल्लेख किया कि अभिनेता दस्त की समस्या से ग्रस्त हो गए थे और जेल के चिकित्सकों ने इसे खाद्य विषाक्तता का मामला बताया था।
याचिकाकर्ता के अनुसार, कर्नाटक कारागार अधिनियम, 1963 की धारा 30 के तहत विचाराधीन कैदियों को जांच के बाद तथा पुलिस महानिदेशक (जेल) द्वारा अनुमोदित नियमों के अधीन ये सामग्री प्राप्त करने की अनुमति है।
दर्शन की याचिका को खारिज करते हुए, न्यायालय ने जेल नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अभिनेता द्वारा मांगी गई सुविधाएं हत्या के आरोपी को नहीं दी जा सकतीं।
मामले की जांच कर रही पुलिस के मुताबिक दर्शन के प्रशंसक रेणुकास्वामी ने मामले की सहआरोपी और दर्शन की करीबी मित्र अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को कथित तौर पर अश्लील संदेश भेजे थे जिससे अभिनेता नाराज हो गए और कथित तौर पर उनकी हत्या कर दी गई।
रेणुकास्वामी का शव नौ जून को यहां सुमनहल्ली में एक अपार्टमेंट के बगल में बरसाती नाले से मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, चित्रदुर्ग के मूल निवासी रेणुकास्वामी की मौत तेजधार हथियार से किए गए कई वार के चलते सदमे और रक्तस्राव के कारण हुई।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)