अदालत ने हिमाचल में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने वाली अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाई

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने वाली अधिसूचना पर बृहस्पतिवार को अंतरिम रोक लगा दी.

Court | Photo Credits: Twitter

शिमला, 4 जनवरी : हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने वाली अधिसूचना पर बृहस्पतिवार को अंतरिम रोक लगा दी. समुदाय को एसटी का दर्जा देने के लिए सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के तीन दिन बाद ही अदालत ने इस पर रोक लगा दी. इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थी जिनकी सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंड पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि "विवादित कानून में स्पष्ट मनमानी और असंवैधानिकता है."

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सोमवार को सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की अधिसूचना जारी की थी. पीठ ने कहा कि यदि अंतरिम राहत नहीं दी गई तो अपूरणीय क्षति हो सकती है. इसके बाद अदालत ने अधिसूचना पर 18 मार्च तक रोक लगा दी. हालांकि, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि टिप्पणियां या निष्कर्ष केवल प्रथम दृष्टया और अस्थायी हैं और अंतिम सुनवाई के दौरान इसका कोई असर नहीं होगा.

ट्रांसगिरी क्षेत्र की 154 पंचायतों में रहने वाले समुदाय के लगभग तीन लाख सदस्य संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) अधिनियम, 2023 को लागू नहीं करने और समुदाय को एसटी के रूप में अधिसूचित नहीं करने को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

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