देश की खबरें | आईआईटी में आत्महत्याओं के संबंध में दर्ज याचिका को न्यायालय ने बताया ‘‘तुच्छ’’ , वकील पर लगाया जुर्माना
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 24 सितम्बर उच्चतम न्यायालय ने परिसरों में बढ़ती आत्महत्याओं पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र और आईआईटी को एक छात्र कल्याण कार्यक्रम शुरू करने और उसे लागू करने का निर्देश देने के लिये दायर एक जनहित याचिका को बृहस्पतिवार को ‘‘तुच्छ’’ करार देते हुए वकील पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार स्थिति से अवगत है और इसके साथ ही उसने वकील गौरव बंसल की याचिका को खारिज कर दिया।

यह भी पढ़े | Kisan Mazdoor Sangharsh Committee Protest: बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने किसान आंदोलन पर दिया बयान, कहा- किसानों को विश्वास में लेकर लेना चाहिए था निर्णय.

न्यायमूर्ति आर. एफ. नरिमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी की पीठ ने कहा , ‘‘ यह एक दम तुच्छ याचिका है। बताएं हम आप पर कितना जुर्माना लगाएं।’’

पीठ ने कहा कि वह इसे खारिज कर रही है और विधिक सेवा प्राधिकरण को बतौर जुर्माना 10 हजार रुपये दिए जाएं।

यह भी पढ़े | Kisan Mazdoor Sangharsh Committee Protest: किसान आंदोलन के मद्देनजर पंजाब में रद्द किया गया ट्रेनों का परिचालन, संगठनों ने पूर्ण पंजाब बंद का किया आह्वान.

बंसल ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान कहा कि पिछले पांच वर्षों में पूरे भारत के आईआईटी परिसरों में करीब 50 छात्रों ने आत्महत्या की है और साथ ही अदालत से हस्तक्षेप करने और केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय तथा आईआईटी को एक 'छात्र एकता कार्यक्रम' बनाने और उसे लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

अदालत ने केन्द्र के जवाब पर गौर करते हुए पाया कि अधिकारी इस मामले से पहले ही अवगत हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)