नयी दिल्ली, 22 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद समिति से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें हिंदू पक्ष ने मस्जिद के सीलबंद क्षेत्र का एएसआई सर्वेक्षण कराने के लिए याचिका दायर की है, जहां मई, 2022 में कथित तौर पर एक “शिवलिंग” पाया गया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने हिंदू पक्ष की याचिका पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की प्रबंध समिति को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर का न्यायालय के आदेश पर हुए सर्वेक्षण के दौरान, 16 मई, 2022 को वजुखाना क्षेत्र में मिली एक संरचना को हिंदू पक्ष ने “शिवलिंग”, जबकि मुस्लिम पक्ष ने “फव्वारा” बताया था।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि उन्होंने सभी मुकदमों को एकीकृत करने और इसे वाराणसी जिला अदालत से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए एक आवेदन दायर किया है।
मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने पीठ के समक्ष दलील दी कि मस्जिद समिति द्वारा दायर अपील में उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के तहत वर्जित मुकदमों की स्वीकार्यता पर सवाल उठाया गया है, जिस पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने सभी मामलों की सुनवाई एक साथ 17 दिसंबर को करने पर सहमति जताई।
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