चेन्नई, छह जुलाई मद्रास उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) से बर्खास्त नेता ओ. पी. रवींद्रनाथ के 2019 में तमिलनाडु की थेनी लोकसभा सीट से निर्वाचन को बृहस्पतिवार को अमान्य करार दिया।
रवींद्रनाथ अन्नाद्रमुक के अपदस्थ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बेटे हैं।
न्यायमूर्ति एस एस सुंदर ने थेनी लोकसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया, लेकिन रवींद्रनाथ के वकील के अनुरोध पर न्यायाधीश ने इस आदेश के क्रियान्वयन पर एक महीने की रोक लगा दी, ताकि नेता उच्चतम न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर सकें।
यह फैसला थेनी निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदाता पी मिलानी द्वारा दायर याचिका पर सुनाया गया।
मिलानी के वकील वी वरुण के अनुसार, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि रवींद्रनाथ ने चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करते हुए अपनी और अपने परिजन की चल एवं अचल संपत्तियों और देनदारियों समेत विभिन्न बातों को छिपाया।
वकील ने कहा कि तथ्यों को छिपाने से चुनाव पर काफी असर पड़ा, इसलिए मिलानी ने चुनाव याचिका दायर की।
अरुण ने कहा कि इन आरोपों की पुष्टि करने के लिए विभिन्न दस्तावेज दाखिल किए गए हैं।
न्यायाधीश ने तथ्यों पर गौर करने और गवाहों को सुनने के बाद रवींद्रनाथ के निर्वाचन को अमान्य घोषित कर दिया।
पार्टी प्रमुख ई के पलानीस्वामी ने पिछले साल जुलाई में अन्नाद्रमुक के तत्कालीन अंतरिम महासचिव बनने के तुरंत बाद अपने प्रतिद्वंद्वी पनीरसेल्वम, रवींद्रनाथ और कई नेताओं अन्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
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