देश की खबरें | अदालत ने तेलंगाना में मुफ्त नेत्र उपचार के वरवरा राव के दावे को सत्यापित करने का निर्देश दिया

मुंबई, 27 अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से यह सत्यापित करने को कहा कि क्या तेलंगाना में एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले के आरोपी कवि-कार्यकर्ता वरवरा राव की आंखों का मुफ्त इलाज कराने का प्रावधान है।

राव ने मोतियाबिंद की सर्जरी कराने के वास्ते तीन महीने के लिए हैदराबाद जाने की अनुमति को लेकर दायर याचिका में हैदराबाद में आंखों के मुफ्त इलाज के प्रावधान का दावा किया है।

राव को मामले में कथित संलिप्तता के लिए अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह मेडिकल जमानत पर बाहर हैं।

उन पर लगाई गई शर्तों में से एक यह थी कि उन्हें मुंबई में रहना होगा और अगर उन्हें शहर से बाहर यात्रा करनी है तो अदालत की अनुमति लेनी होगी।

न्यायमूर्ति अमित बोरकर की एकल पीठ ने कहा कि राव की याचिका का सार यह था कि तेलंगाना में एक प्रावधान है, जिसके तहत उस राज्य का पेंशनभोगी दो लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकता है।

राव के वकील आर सत्यनारायणन ने अदालत को बताया कि उक्त प्रावधान याचिका में संलग्न थे।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने जोर देकर कहा कि एनआईए इस तथ्य को सत्यापित करे और मामले की अगली सुनवाई की तारीख (पांच जून) को अदालत को अवगत कराए।

राव ने अपनी अर्जी में दावा किया कि उनकी दृष्टि खराब हो रही है और मुंबई में सर्जरी और ऑपरेशन के बाद की देखभाल महंगी है, जबकि पेंशनधारक के लिए तेलंगाना में यह मुफ्त है।

एनआईए के अधिवक्ता संदेश पाटिल ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि आंखों की सर्जरी एक मामूली प्रक्रिया है। एनआईए ने यह भी कहा कि राव पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं।

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