देश की खबरें | अदालत ने दिलीप, अन्य को मोबाइल फोन पेश करने का निर्देश दिया

कोच्चि, 29 जनवरी केरल उच्च न्यायालय ने शनिवार को अभिनेता दिलीप अन्य को निर्देश दिया कि वे उन अधिकारियों को कथित रूप से धमकाने के मामले में रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष अपने मोबाइल फोन पेश करें जो एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न की जांच कर रहे हैं। अदालत ने यह निर्देश अपराध शाखा की एक अर्जी पर दिया।

न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी ने आरोपियों को 31 जनवरी को पूर्वाह्न 10.15 बजे तक सीलबंद बॉक्स में फोन सौंपने को कहा। उच्च न्यायालय की आज हुई विशेष बैठक में यह फैसला आया।

जांच एजेंसी ने कहा था कि हालांकि उसके पास आरोपियों द्वारा छुपाए गए और हटाए गए मोबाइल फोन को जब्त करने की पर्याप्त शक्ति है, अपराध शाखा ने यह "उचित समझा" कि मामले को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाए।

अपराध शाखा ने अदालत से कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ताओं ने जानबूझकर अपने मोबाइल फोन हटा दिये हैं और उन्हें छिपाने का प्रयास किया है और सबूतों को जांच के लिए भेजने के बहाने नष्ट करने का प्रयास किया है।’’

दिलीप के वकील ने दलील दी थी कि जांच के नाम पर उन्हें परेशान किया जा रहा है और फोन सौंपना उनकी निजता का उल्लंघन होगा। इस बीच, अदालत ने कहा कि वह जांच एजेंसी को यह निर्देश नहीं दे सकती कि मामले में सुनवाई कैसे आगे बढ़ाई जाए।

उच्च न्यायालय ने अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न से संबंधित 2017 के मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को कथित रूप से धमकाने के मामले में अभिनेता दिलीप की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई दो फरवरी तक स्थगित कर दी थी।

न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी ने जांच के सिलसिले में डिजिटल सबूतों के विश्लेषण के लिए समय की मांग करने वाले अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर विचार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी। इसके बाद दिलीप के वकील ने कहा कि इससे उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी को रोकने वाला अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रह सकता है।

अदालत ने अभियोजन पक्ष की राय लेने के बाद अंतरिम आदेश की वैधता 2 फरवरी तक बढ़ा दी थी। अदालत ने पिछले शनिवार को दिलीप को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था।

अदालत के निर्देशानुसार दिलीप और अन्य आरोपी पूछताछ के लिए 23, 24 और 25 जनवरी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुए थे। आरोपियों को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।

. अमित उमा

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