नयी दिल्ली,21 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला खनन घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले के आरोपी गुरुपद मांझी की जांच के लिए एक चिकित्सा बोर्ड गठित करने का बुधवार को निर्देश दिया।
मांझी ने चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत के लिए एक याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने सफदरजंग अस्पताल को निर्देश दिया कि वह तिहाड़ जेल के अधिकारियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की पड़ताल के बाद एक हफ्ते के अंदर चिकित्सा बोर्ड का गठन करे।
मांझी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल मधुमेह से पीड़ित हैं और उनके मलाशय से रक्तस्राव होता है।
अदालत ने कहा, “दोनों पक्षों की सहमति से यह निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ता की मेडिकल स्थिति की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए, ताकि बीमारी का सही-सही पता चल सके और आवश्यक उपचार मुहैया किया जा सके।”
अदालत ने आदेश दिया, “इन परिस्थितियों में सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को चिकित्सा रिपोर्ट (तिहाड़ जेल अधिकारियों द्वारा दी गई) पर गौर करने के बाद एक उपयुक्त मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया जाता है। यह निर्देश दिया जाता है कि आज से एक सप्ताह के भीतर मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और रिपोर्ट अदालत को भेजी जा सकती है।”
अदालत ने निर्देश दिया कि विषय को 13 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए, जब आरोपी की जमानत याचिका विचार किये जाने के लिए सूचीबद्ध है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई में मांझी को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने दावा किया है कि मांझी मामले में मुख्य आरोपी अनूप मांझी का सहयोगी है और उसने “अनूप मांझी उर्फ लाला और उसके सहयोगियों से अवैध कोयला खनन व्यवसाय से प्राप्त रकम में से 66 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए”।
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