देश की खबरें | अदालत ने सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त होने का दावा कर रहे दिल्ली दंगों के आरोपी को नहीं दी अंतरिम जमानत

नयी दिल्ली, 14 मई यहां की एक अदालत ने ‘पैरानॉइड सिजोफ्रेनिया’ से ग्रस्त होने का दावा कर रहे दिल्ली दंगों के एक आरोपी को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह जेल से बाहर आने के लिये दिमागी बीमारी से पीड़ित होने का दावा कर रहा हो।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने आरोपी मोहम्मद सलमान को अंतिरम जमानत देने से इंकार किया। वह मोहम्मद सलमान के आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे। सलमान ने इस आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी कि वह ‘पैरानॉइड सिजोफ्रेनिया’ से पीड़ित है, जिसके लिये काफी देखभाल की जरूरत होती है और उसे आगे के मूल्यांकन के लिये बेहतर चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराए जाने की आवश्यकता है।

न्यायाधीश ने आवेदन खारिज करते हुए कहा, ‘‘इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि आवेदक मानसिक बीमारी से पीड़ित होने का दावा कर जेल से किसी तरह बाहर आने का सोच-समझकर और लगातार प्रयास कर रहा है।’’

अदालत ने कहा कि वह इस तथ्य से मुंह नहीं फेर सकती कि सलमान दंगा सह हत्या के तीन गंभीर मामलों में आरोपी है और आवेदक के खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं।

अदालत ने कहा कि कारा अधीक्षक द्वारा पांच मई को सौंपी गई मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार आरोपी की मानसिक हालत सामान्य सीमा के भीतर और स्थिर है तथा उसे नियमित रूप से इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज (आईएचबीएएस) भेजा जा रहा है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस बात पर गौर करना प्रासंगिक है कि अगर आवेदक जेल में नहीं होता तो उसपर उतना ध्यान नहीं दिया जाता और इस तरह से उसका उपचार नहीं किया जाता।’’

सुनवाई के दौरान, विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने दलील दी कि कोई आपात स्थिति नहीं है और आवेदक की जेल अधिकारी अच्छी तरह से देखभाल कर रहे हैं।

सत्ताइस वर्षीय सलमान पिछले एक साल से उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान तीन लोगों की हत्या के सिलसिले में मंडोली जेल में बंद है।

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