जरुरी जानकारी | न्यायालय ने जेट एयरवेज के नए मालिकों से पूछा- पीएफ, ग्रेच्युटी बकाए के लिए कितना भुगतान किया

नयी दिल्ली, 17 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को जेट एयरवेज के नये मालिकों जालान-कालरॉक गठजोड़ से पूछा कि उन्होंने पूर्व कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) और ग्रेच्युटी बकाये के लिए कितना भुगतान किया है।

शीर्ष अदालत ने दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी के 21 अक्टूबर, 2022 के आदेश के खिलाफ जेट एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल किया।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने गठजोड़ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से पूछा, ''हमें बताइए कि आपने (जेट एयरवेज के) कर्मचारियों को भविष्य निधि और ग्रेच्युटी बकाया के लिए कितना भुगतान किया है।''

नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज की समाधान योजना के तहत जालान कालरॉक गठजोड़ को उसका स्वामित्व मिला था।

रोहतगी ने जवाब दिया, ''हमें इकाई पर एक प्रतिशत भी नियंत्रण नहीं मिला है।'' उन्होंने कहा कि गठजोड़ मंजूर समाधान योजना की शर्तों के लिए प्रतिबद्ध है।

वकीलों के अनुसार गठजोड़ को पूर्व कर्मचारियों को पीएफ और ग्रेच्युटी बकाया के रूप में 200 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना है।

रोहतगी ने कहा कि प्रत्येक संबद्ध पक्ष को यह स्वीकार करना होगा कि कंपनी के चालू हालात में बने रहने के लिए उन्हें कुछ कटौती का सामना करना पड़ेगा। साथ ही कर्मचारी बैंकों की तरह वित्तीय ऋणदाता न होकर एक परिचालन ऋणदाता हैं।

जेट एयरवेज को पैसा उधार देने वाले बैंकों की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वित्तीय संस्थानों को 7,800 करोड़ रुपये की वसूली करनी है। उन्होंने कहा कि वे विमानों के रखरखाव पर भी खर्च कर रहे हैं। सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।

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