न्यायालय ने बंगाल पुलिस को प्रमाणिक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा
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नयी दिल्ली, 12 जनवरी: उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को राहत प्रदान करते हुए शुक्रवार को पश्चिम बंगाल पुलिस से कहा कि वह 2018 के हत्या के प्रयास मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को 22 जनवरी को कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया.

पीठ ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय इस मामले पर सुनवाई नहीं कर लेता तब तक प्रमाणिक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. प्रमाणिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ से कहा, "मैं संसद सदस्य हूं. उच्च न्यायालय ने मुझे राहत देने से इनकार कर दिया और मेरे मामले की सुनवाई 22 जनवरी तक के लिए टाल दी है. अगर मुझे कोई सुरक्षा नहीं दी गई तो मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है."

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि प्रमाणिक के खिलाफ हत्या के प्रयास और दंगे के 13 मामले लंबित हैं और उन्हें बहुत पहले गिरफ्तार किया जा सकता था. शंकरनारायणन ने पीठ को आश्वासन दिया कि प्रमाणिक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी और सर्वोच्च अदालत आने के बदले, वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में अपने मामले का उल्लेख कर सकते थे और इसे 22 जनवरी से पहले सूचीबद्ध किया जा सकता था.

पटवालिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री होने के नाते प्रमाणिक को 22 जनवरी तक कुछ सुरक्षा मिलनी चाहिए. पीठ ने उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि उसने मामले के गुण-दोष पर कोई राय नहीं व्यक्त की है. पीठ ने उच्च न्यायालय को 22 जनवरी को मामले की सुनवाई करने और याचिका का यथासंभव शीघ्र निपटारा करने का निर्देश दिया. सर्वोच्च अदालत मामले में अग्रिम जमानत के अनुरोध वाली प्रमाणिक की याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सहमत हो गई थी और पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया था.

जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ ने चार जनवरी को मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. उसके बाद मंत्री ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया. प्रमाणिक के खिलाफ 2018 में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के दिनहाटा थाने में हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया गया था, जब लोगों के एक समूह ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी की थी. गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हो गया था.

प्रमाणिक पहले तृणमूल कांग्रेस में थे और वह फरवरी 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. उन्होंने हिंसा भड़काने के आरोप से इनकार किया है. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर कूचबिहार से लड़ा था और चुनाव में जीत हासिल की थी.

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