नयी दिल्ली, नौ नवंबर उच्चतम न्यायालय दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में उसकी मंजूरी के बिना पेड़ों की कटाई से रोकने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली में हर घंटे पांच पेड़ काटे जाते हैं। इसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शीर्ष अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली में पेड़ों की कटाई की अनुमति देने से रोकने की भी मांग की गई है।
न्यायमूर्ति ए एस ओका और जस्टिस ए जी मसीह की पीठ के समक्ष शुक्रवार को यह मामला सुनवाई के लिए आया। अदालत ने दिल्ली सरकार और अन्य से 22 नवंबर तक याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा है।
याचिका में राष्ट्रीय राजधानी में वृक्ष संरक्षण व्यवस्था का आकलन करने के लिए शीर्ष अदालत या दिल्ली उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया है।
इसमें कहा गया है कि समिति को दिल्ली में मौजूदा वृक्षों और वनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अपनी सिफारिश वाली एक रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करनी चाहिए।
अर्जी में दिल्ली उच्च न्यायालय के फरवरी 2023 के आदेश का हवाला दिया गया और कहा गया कि दिल्ली के वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर यह दर्ज किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में हर घंटे पांच पेड़ काटे जाते हैं।
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