नयी दिल्ली, दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक दोषी की आजीवन कारावास की सजा सोमवार को 12 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. दोषी किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित है और उसे कोविड-19 जैसे संक्रमण होने की प्रबल आशंका को देखते हुए अदालत ने यह आदेश दिया. न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए की गई सुनवाई में इस बात का संज्ञान लिया कि नरेश सहरावत तिहाड़ स्थित केंद्रीय कारागार के अस्पताल के चिकित्सा वार्ड में भर्ती है. यह भी पढ़े | SSC ने CGL, CHSL समेत कई प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम की तारीखों का ऐलान, यहां देखें परीक्षाओं का पूरा शेड्यूल.
पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता सहरावत किडनी की बीमारी के चौथे चरण से ग्रसित है और वह केंद्रीय कारागार के चिकित्सा वार्ड में भर्ती है तथा उसे कोविड-19 जैसे रोग से संक्रमित होने की प्रबल आशंका है इसलिए दोषी की सजा को 12 सप्ताह के लिए स्थगित किया जाता है. उसे अदालत में निजी मुचलका भरना होगा और 20,000 रुपये के जमानत पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा. यह भी पढ़े | चक्रवाती तूफान 'निसर्ग' को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने की NDMA के अधिकारीयों के साथ अहम बैठक.
अदालत ने सहरावत की याचिका पर यह आदेश दिया जिसे दंगे के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली है. सहरावत ने अपनी याचिका में किडनी और लिवर प्रतिरोपण कराने के वास्ते सजा तीन महीने के लिये स्थगित करने का अनुरोध किया था.