Covid-19: बच्चों के विकास की स्थिति उतनी बुरी नहीं, जितनी आशंका थी, लेकिन पहले से खराब
कैलगरी, 30 मई (द कन्वरसेशन) कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने ऐसी परिस्थितियां पैदा कीं, जिनके कारण बच्चों के उचित विकास को लेकर खतरा पैदा हो गया.
कैलगरी, 30 मई: (द कन्वरसेशन) कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने ऐसी परिस्थितियां पैदा कीं, जिनके कारण बच्चों के उचित विकास को लेकर खतरा पैदा हो गया. वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों ने वैश्विक महामारी की शुरुआत में चिंताएं जताई थीं कि माता-पिता पर बढ़ता तनाव, कोरोना वायरस संक्रमण, अन्य बच्चों एवं वयस्कों के साथ संवाद कम होना और स्वास्थ्य सेवा में बदलाव के कारण बच्चों का विकास प्रभावित हो सकता है. यह भी पढ़ें: Covid-19: देश में एक दिन में कोरोना के 403 नए मामले सामने आए, जब की उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 4,972 हुई
इन चिंताओं के मद्देनजर हमने यह समझने के लिए कनाडा में गर्भवती मांओं संबंधी दीर्घकालिक अध्ययन शुरू किया कि महामारी संबंधी तनाव के कारण बाद में बच्चों के विकास पर क्या असर पड़ सकता है. हमारे शुरुआती निष्कर्ष चिंताजनक हैं: वैश्विक महामारी से पहले गर्भवती हुई महिलाओं की तुलना में महामारी के शुरुआती चरण में गर्भवती हुई मांओं में घबराहट एवं अवसाद की दर दो से चार गुणा अधिक रही. मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में इस प्रकार की बढ़ोतरी दुनियाभर में देखी गई.
बच्चों के विकास पर प्रभाव
महामारी का बच्चे के विकास पर असर समझने के लिए हमने महामारी के शुरुआती 18 महीनों में पैदा हुए 12 महीने के 3,742 बच्चों के विकास संबंधी अध्ययन किया. फिर हमने इन बच्चों की तुलना 2015 से 2018 के बीच कनाडा में जन्मे 2,898 बच्चों के इसी प्रकार के समूह से की. ‘जर्नल ऑफ डेवल्पमेंटल एंड बिहेवियरल पीडियाट्रिक्स’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, हमने पाया कि वैश्विक महामारी के दौर में जन्मे अधिकतर बच्चों का विकास शुरुआती प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सामान्य है.
लेकिन महामारी के दौरान जन्मे उन बच्चों की संख्या थोड़ी अधिक है, जिन पर महामारी से पहले हुए बच्चों की तुलना में संवाद, हाथ पैरों से जुड़े काम काज करने और निजी-सामाजिक क्षेत्र में धीमी गति से विकास का जोखिम है.
बच्चों के विकास संबंधी चिंताएं
माता-पिता एवं अभिभावकों के लिए इस अध्ययन के निष्कर्ष तसल्ली देने वाले हैं। वैश्विक महामारी के दौरान जीवन के लगभग हर पहलू पर असर पड़ने के बावजूद अधिकतर बच्चों का उचित विकास हो रहा है. जिन माता-पिता को अपने बच्चों के विकास को लेकर चिंताएं हैं, उनके लिए ये सुझाव मददगार हो सकते हैं.
अपने बच्चों को किसी जिम्मेदार वयस्क से संवाद का अधिक से अधिक मौका दीजिए। जब बच्चों को अपने और दुनिया के बारे में जानने के लिए एक उचित माहौल, उचित संबंध और उचित विकल्प मिलते हैं, तो उनमें लचीलापन विकसित होता हे. अपने बच्चों से बात करें और उनके साथ गीत गाएं. इससे उनमें यी विकास होगा.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)