इस्लामाबाद, 16 अप्रैल पाकिस्तान में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 6,500 के आंकड़े को पार कर गई। वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ने ‘‘गैरजिम्मेदाराना रवैया’’ अपनाने और बीमारी को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में उच्चतम न्यायालय को जानकारी देने में विफल रहने के लिए अपने स्वास्थ्य सलाहकार को फटकार लगाई है।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को महामारी से निपटने के सरकार के प्रयासों को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी और देश में कोविड-19 के प्रकोप से निपटने में विफल रहने के लिए प्रधानमंत्री के विशेष स्वास्थ्य सहायक डॉ जफर मिर्ज़ा को हटाने का निर्देश दिया था।
बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री खान ने अदालत के समक्ष हालिया पेशी के दौरान ‘‘गैर जिम्मेदाराना रवैये’’ के लिए मिर्जा को फटकार लगाई।
मंत्रिमंडल की कार्यवाही से जुड़े सूत्रों ने बताया कि खान ने कहा कि उनके सलाहकार देश में बीमारी को हराने के लिए चल रहे कई प्रयासों के बारे में शीर्ष अदालत को जानकारी देने में विफल रहे।
मिर्जा को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है और उन्हें पिछले साल स्वास्थ्य मामलों पर प्रधानमंत्री का विशेष सहायक नियुक्त किया गया था। देश में दवाओं की बढ़ती कीमतों को काबू करने में विफल रहने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अमीर कयानी को पद से हटाए जाने के बाद मिर्जा को प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था।
मिर्जा को हटाना इमरान खान सरकार के लिए एक बड़ा झटका होगा क्योंकि वह पाकिस्तान में कोविड-19 के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं और इस सबंध में उठाए जा रहे कदमों के बारे में रोज मीडिया को जानकारी देते हैं।
इस बीच पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 6505 हो गए और पिछले 24 घंटे में 520 नए मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी के कारण अब तक 124 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 17 लोगों की मौत पिछले एक दिन में हुयी है। साथ ही 1,645 मरीज ठीक भी हो चुके हैं।
पंजाब प्रांत में अब तक 3,217 मामले सामने आये हैं, जबकि सिंध में 1,668, खैबर-पख्तूनख्वा में 912, बलूचिस्तान में 280, गिलगित-बाल्टिस्तान में 237, इस्लामाबाद में 145 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 46 मामले दर्ज किए गए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने देश की समस्याओं के समाधान में विफल रहने के लिए पूरे मंत्रिमंडल की भी आलोचना की है। इसके बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई और कुछ उपयोगकर्ताओं ने अदालत की भी आलोचना की।
प्रधानमंत्री खान ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को देश के शीर्ष न्यायाधीश और न्यायपालिका के अन्य सदस्यों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाने वाले लोगों के खिलाफ जांच का आदेश दिया है।
इस बीच, पाकिस्तान के रेलमंत्री ने सभी चार प्रांतों के बीच रेल सेवा को आंशिक तौर पर बहाल किए जाने को लेकर रणनीति को अंतिम रूप दे दिया। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक लॉकडाउन के खत्म होने या फिर इसमें कोई ढील दिए जाने के मद्देनजर यह रणनीति तैयार की गई है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए बंद के बाद पिछले माह रेल सेवाएं भी रोक दी गई थी।
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