जयपुर, 26 जून राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने जीवन के प्रति हमारी सोच को बदला है और इसने भौतिकतावाद की ओर तेजी से बढ़ रहे हमारे कदमों को थामा है।
गहलोत ने कहा, 'यह उचित समय है कि हम ऐसे विषयों पर चर्चा करें जिनसे सुखी और समृद्ध जीवन की तरफ बढ़ा जा सके। जब तक हम आदर्श जीवन मूल्यों को नहीं अपनाएंगे, हमारा जीवन खुशहाल नहीं हो सकता। ऐसे में जरूरी है कि विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनका चरित्र निर्माण भी हो।'
गहलोत शुक्रवार को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 'सुखी एवं समृद्ध जीवन' विषयक पांच दिवसीय कार्यशाला में ई-प्रमाण पत्र वितरण समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की चुनौती को हमने अवसर के रूप में लेते हुए चिकित्सा क्षेत्र को मजबूत किया है। इसी तरह के नवाचार हर क्षेत्र में किए जाएं। उन्होंने कहा कि आज अर्थव्यवस्था बेहद नाजुक दौर में है। लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। हमें यह सोचना है कि जरूरतमंद लोगों को किस तरह संबल दिया जाए। इस दिशा में ऐसी कार्यशालाएं महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। साथ ही, ऐसे समय में लोगों को जागरूक करने में शिक्षाविदों, लेखकों एवं पत्रकारों की बड़ी भूमिका है।
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तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि संकट की इस घड़ी में राजस्थान ने शासन संचालन का नया मॉडल पेश करते हुए लोकतंत्र में लोगों की आशाओं को पूरा करने का प्रयास किया है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवरसिंह भाटी ने कहा कि कॉलेज शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों ने कोरोना संकट के दौरान सेवाभाव के साथ काम किया है।
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति एचडी चारण ने बताया कि विश्वविद्यालय में सुखी और समृद्ध जीवनशैली के लिए 'आनंदम' पाठयक्रम की तैयारी की गई है। शासन सचिव उच्च शिक्षा शुचि शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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