देश की खबरें | नरसिंहानंद के बयान पर बढ़ा विवाद, ठिकाने को लेकर संशय बरकरार

गाजियाबाद (उप्र), छह अक्टूबर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ डासना स्थित मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद की आपत्तिजनक टिप्पणी से शुरू हुए विवाद के बीच उनके समर्थकों ने रविवार को आरोप लगाया कि नरसिंहानंद को पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है।

पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) एन.के. तिवारी ने आरोप का खंडन करते हुए कहा कि नरसिंहानंद को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसके बाद कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।

इस बीच, महाराष्ट्र के ठाणे और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद सहित अन्य राज्यों में नरसिंहानंद के खिलाफ और प्राथमिकियां दर्ज की गईं, जबकि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और शेखपुरा पुलिस चौकी पर पथराव किया गया।

कई मुस्लिम संगठनों ने महंत की गिरफ्तारी की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल कॉन्फ्रेंस और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसे राजनीतिक दलों के नेता भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

वहीं, कई हिंदू संगठनों के नेताओं ने गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में बैठक कर नरसिंहानंद की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। ‘यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन’ की महासचिव उदिता त्यागी ने एक बयान में कहा, ‘‘हिंदू संगठनों और अन्य सामाजिक संगठनों ने महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि की अवैध हिरासत पर चिंता व्यक्त की है।’’

बैठक में किसान नेता सहदेव त्यागी ने दावा किया कि वेव सिटी पुलिस ‘‘दबाव में’’ आकर महंत को डासना मंदिर से बम्हेटा गांव स्थित उनके शिष्य राजेश पहलवान के घर ले जाने के लिए निकली।

सहदेव ने दावा किया कि पुलिस नरसिंहानंद को ‘‘पुलिस लाइन में ले गई और दो दिनों तक अवैध रूप से रखा, लेकिन अब वह वहां नहीं हैं और उन्हें अदालत में भी पेश नहीं किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि अगर महंत के साथ कुछ भी गलत होता है, तो इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी।

उदिता त्यागी ने कहा, ‘‘कल (सोमवार को) इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।’’

पुलिस उपायुक्त (ग्रामीण) तिवारी ने कहा कि उन्हें नरसिंहानंद के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

तीन अक्टूबर को उप निरीक्षक त्रिवेंद्र सिंह ने नरसिंहानंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि 19 सितंबर को उन्होंने लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में एक कार्यक्रम के दौरान एक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और इसे भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 302 (जानबूझकर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए बयान से संबंधित अपराध) का उल्लंघन बताया था।

एक अन्य प्राथमिकी वेव सिटी थाने के डासना क्षेत्र के उपनिरीक्षक और क्षेत्र बीट प्रभारी भानु प्रकाश सिंह ने दर्ज कराई है। इस शिकायत में नरसिंहानंद के शिष्यों - डासना मंदिर के अनिल यादव छोटा नरसिंहानंद, यति रणसिंहानंद, यति राम स्वरूपानंद और यति निर्भयानंद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था।

उनके खिलाफ वेव सिटी पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 302 और 351 (आपराधिक धमकी से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

महाराष्ट्र के अमरावती शहर के बाद, नरसिंहानंद के खिलाफ ठाणे में एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है।

नरसिंहानंद की भड़काऊ टिप्पणियों के वीडियो ऑनलाइन सामने आने के बाद शुक्रवार रात को गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के बाहर उनके खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिसके बाद परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई।

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मंदिर के बाहर पुलिस दल पर पथराव करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने शनिवार को युवा शक्ति दल के अध्यक्ष रवि गौतम और चार अन्य को भी गिरफ्तार कर लिया, जब उन्होंने नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

रविवार को नरसिंहानंद की टिप्पणी के खिलाफ सहारनपुर के शेखपुरा में पुलिस चौकी के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए करीब एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया।

पुलिस ने बताया कि पथराव करने के आरोप में 21 नामजद और 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिमन्यु मांगलिक ने बताया, ‘‘मुस्लिम समाज के लोग शेखपुरा कदीम चौकी पर ज्ञापन देने पहुचे थे, तभी भीड़ में शामिल कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया।’’

मांगलिक ने कहा कि पुलिस ने पथराव करने वाले अराजक तत्वों को हल्का बल प्रयोग कर वहां से खदेड़ा और वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘पथराव में कोई चोटिल नहीं हुआ। लगभग एक दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और स्थिति नियंत्रण में है।’’

हैदराबाद में, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की शिकायत के बाद साइबर अपराध पुलिस थाने ने आईटी अधिनियम और बीएनएस के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत नरसिंहानंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को नफरती बयान देने वाले महंत के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत ने इस्लाम के खिलाफ फिर नफरती बयानबाजी की जिससे उस पूरे इलाके में तथा देश के कई हिस्सों में अशांति एवं तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई की लेकिन मूल दोषी भयमुक्त है।’’

नरसिंहानंद की टिप्पणी की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि इससे न केवल भारत के धार्मिक सद्भाव और सहिष्णुता की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है, बल्कि सांप्रदायिक तनाव भी भड़कने की आशंका है।

गाजियाबाद की लोनी सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने नरसिंहानंद का बचाव किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात नरसिंहानंद के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुई भीड़ ने डासना देवी मंदिर पर पथराव किया। उन्होंने कहा कि पुलिस को प्रदर्शनकारियों को गोली मार देनी चाहिए थी।

नरसिंहानंद के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। दिसंबर 2021 में उत्तराखंड के हरिद्वार में एक सम्मेलन में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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