चंडीगढ़, 14 अगस्त पंजाब रोडवेज और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) के संविदा कर्मचारी अपनी नौकरी नियमित करने की मांग करते हुए रविवार को तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए और इस कारण राज्य में लगभग तीन हज़ार से अधिक बसें सड़कों से नदारद रहीं।
निजी और मिनी-बस संचालकों द्वारा अपनी मांगों को लेकर एक दिन की हड़ताल पर जाने के पांच दिन बाद पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं। कर्मचारियों की मांग में कोविड-19 महामारी की अवधि के लिए कर छूट भी शामिल है।
पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने कहा कि हड़ताल में लगभग आठ हज़ार संविदा कर्मचारी भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''कर्मचारी तीन दिन की हड़ताल पर हैं। हम अपनी नौकरियों को नियमित करने की मांग कर रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी की करीब तीन हज़ार बसें रविवार को सड़कों से नदारद रहीं।
उन्होंने बताया कि हालांकि, लगभग 200 बसें नियमित कर्मचारियों द्वारा संचालित की जा रही हैं।
गिल ने कहा कि संविदा कर्मचारी सोमवार को लुधियाना में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लुधियाना में राज्य स्तरीय समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने राज्य में कई जगहों पर धरना दिया और पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान सार्वजनिक बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बठिंडा में एक महिला ने कहा, ''मैं फरीदकोट से आई हूं और मुझे मानसा जाना है, लेकिन कोई सरकारी बस उपलब्ध नहीं है। निजी बसें खचाखच भरी हुई हैं।''
निशुल्क यात्रा की सुविधा के कारण आमतौर पर सरकारी बसों में यात्रा करना पसंद करने वाली महिला यात्रियों को हड़ताल के कारण निजी बसों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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