गैरसैंण (उत्तराखंड), 14 मार्च : उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने जमकर हंगामा किया और अध्यक्ष के आसन के आगे धक्का-मुक्की पर उतर आए जिसके बाद सदन की कार्रवाई को स्थगित करते हुए उन्हें (विधायकों को) दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया . शून्य काल में विशेषाधिकार हनन के मुद्दे पर पीठ के निर्णय से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्यों ने सदन के भीतर हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए आसन तक पहुंचने की कोशिश की . सुरक्षाकर्मियों के उन्हें रोकने के बावजूद कई सदस्य अध्यक्ष के आसन के आगे धक्कामुक्की पर उतर आये जिसके कारण विधानसभा सचिव को अपना आसन छोड़कर उठना पड़ा.
इसके बाद सदस्य, सचिव की मेज पर चढ़कर अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे . इस बीच सदन की कार्यवाही चलती रही. बाद में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने सदन को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया और विरोध कर रहे कांग्रेस विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया.
बाद में, संवाददाताओं से बातचीत में खंडूरी ने सदन में सदस्यों के उग्र प्रदर्शन को 'गलत' बताते हुए कहा कि अगर उनके निर्णय को लेकर उन्हें किसी तरह की समस्या थी तो इसे बातचीत कर सुलझाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि बातचीत की बजाय सदन के अंदर उग्र प्रदर्शन किया गया है. उन्होंने कहा कि इस शांत प्रदेश में इस तरह की कार्यवाही बिलकुल गलत है. कांग्रेस के विधायकों की ओर से विशेषाधिकार हनन के मामले पर अध्यक्ष के निर्णय को लेकर हंगामा किया गया . यह भी पढ़ें : Maharashtra: सीबीआई ने रिश्वत मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर को किया गिरफ्तार
सदस्य आदेश चौहान ने उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन में रखा था जिसे अध्यक्ष ने सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया था . इस पर विधायक फुरकान अहमद और आदेश चौहन विधानसभा सचिव के मेज पर चढ़कर हंगामा करने लगे . इससे पूर्व सदन में प्रश्नकाल के दौरान सवालों का जवाब देते समय मंत्री असहज दिखे जबकि कई सवालों के जवाब उनके द्वारा बाद में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया. हंगामे के बीच सरकार की ओर से विधानसभा में छह विधेयक भी रखे गए जिनमें उत्तराखण्ड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन विधेयक, उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार विधेयक, उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक, उत्तराखण्ड-जमींदारी विनाश भूमि व्यवस्था अधिनियम संशोधन विधेयक तथा यूनिवर्सिटी आफ इंजिनियरिंग एंड टैक्नोलोजी रूड़की संशोधन विधेयक शामिल हैं .