नयी दिल्ली, 21 जुलाई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा ‘नेशनल हेराल्ड' अखबार से जुड़े धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पूछताछ के लिये बुलाए जाने के विरोध में देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित "सत्याग्रह" को कानून और संस्थाओं के खिलाफ "दुराग्रह" करार दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी तो परिवार की ‘जेबी’ संस्था हो ही चुकी है, उसके नेता भी परिवार की "जेब" में हैं. ज्ञात हो कि आज सोनिया गांधी से ईडी पूछताछ करने वाली है. इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी ने "सत्याग्रह" करने की घोषणा की है. इसकी निंदा करते हुए प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "कांग्रेस का यह सत्याग्रह नहीं, दुराग्रह है. परिवार जब पार्टी की संपत्ति को अपनी जेब में रख रहा है, तो यह उसे बचाने का दुराग्रह है. यह देश और देश के कानून, देश की संस्थाओं के खिलाफ दुराग्रह है."
उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी इस मामले में जमानत पर हैं और ये लोग उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में हार चुके हैं. प्रसाद ने कहा कि एक तरफ भाजपा के नेता हैं, जो कानून और संस्थाओं का सम्मान करते हैं वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेताओं का आचरण है कि पूछताछ के लिए बुलाए जाने के विरोध में इनके मुख्यमंत्री दिल्ली में बैठे हुए हैं, सारे सांसद सदन छोड़कर ईडी और अन्य संस्थाओं का मनोबल गिरा रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम इसकी भर्त्सना करते हैं."
प्रसाद ने कहा कि गैरकानूनी कानूनी तरीके से नेशनल हेराल्ड की पूरी संपत्ति को यंग इंडिया को दे दिया गया. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड एक अखबार था जो बाद में बंद हो गया और उस पर देनदारी हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि "बहुत ही छंद तरीके से’’ 90 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और एक पारिवारिक संस्था यंग इंडिया का निर्माण कर दिया गया. भाजपा नेता ने कहा, "पूरा मामला यह है कि कांग्रेस पार्टी तो परिवार की ‘जेबी’ संस्था हो चुकी है. उनके नेता भी जेब में हैं. अब कांग्रेस पार्टी की संपत्ति भी परिवार की जेब में लाए जाने की कोशिश हो रही है." यह भी पढ़ें : हरियाणा सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक की हत्या के मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया
ईडी द्वारा पहले सोनिया गांधी (75) को 23 जून के लिए दूसरा समन जारी किया गया था, लेकिन वह उस तारीख पर पेश नहीं हो सकीं, क्योंकि कोविड-19 और फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें घर पर आराम करने की सलाह दी थी. कांग्रेस अध्यक्ष को पूर्व में 8 जून को पेशी के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें 23 जून के लिए समन जारी किया गया था. ईडी ने सोनिया गांधी के पुत्र और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से इस मामले में पांच दिनों तक कई सत्र में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. यह जांच कांग्रेस द्वारा प्रवर्तित यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है. सोनिया, राहुल से पूछताछ की कार्रवाई पिछले साल के आखिर में ईडी द्वारा धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद शुरू की गई. इससे पहले, एक निचली अदालत ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था.