नयी दिल्ली, 13 दिसंबर अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर स्पष्टीकरण की अनुमति नहीं मिलने के बाद कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार को राज्यसभा से वाकआउट किया।
कांग्रेस के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, झामुमो आदि के सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट किया।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह एक संवेदनशील विषय है और रक्षा मंत्री ने अपने बयान में बताया कि सरकार इस विषय को पूरी गंभीरता से ले रही है और आवश्यक कदम उठा रही है।
रक्षा मंत्री के बयान पर विपक्ष के कई सदस्यों द्वारा स्पष्टीकरण की मांग के संबंध में उपसभापति ने कहा कि अतीत के कई उदाहरण हैं जब संवेदनशील विषय को देखते हुए स्पष्टीकरण नहीं पूछे गए थे।
हालांकि विपक्षी सदस्य उनकी बात से सहमत नहीं हुए और इस पर स्पष्टीकरण पूछे जाने की मांग करते रहे। इसके बाद कई विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वॉकआउट के बाद संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष ने बार-बार चीनी अतिक्रमण पर चर्चा की मांग की लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री बिना कोई स्पष्टीकरण दिए सदन से चले गए जो देश के लिए अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोई स्पष्टीकरण नहीं देती है तो सदन के अंदर बैठने का कोई मतलब नहीं है।
राष्ट्रीय जनता दल नेता मनोज झा ने कहा कि उपसभापति ने विभिन्न उदाहरणों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1962 के संसद सत्र को कोई कैसे भूल सकता है जब सदन में भारत-चीन टकराव पर चर्चा हुई थी।
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि
सदस्यों को उनके संसदीय विशेषाधिकार से वंचित किया जा रहा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)