अमरेली (गुजरात), आठ दिसंबर पाटीदार बहुल अमरेली विधानसभा क्षेत्र से तीन चुनावों में जीत हासिल करने वाले कांग्रेस नेता परेश धानाणी को बृहस्पतिवार को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार ने 46,657 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।
भाजपा प्रत्याशी एवं पार्टी की जिला इकाई के प्रमुख कौशिक वेकारिया को चार दौर की मतगणना के अंत में 88,004 वोट मिले। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, धनानी को 41859 वोट मिले, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार रवि धनानी को 26106 वोट मिले।
शुरुआती रुझानों में यह देखा गया कि गुजरात के चुनावी अखाड़े में आप के उतरने से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है। कांग्रेस ने 2017 में अमरेली जिले की सभी पांच सीट पर जीत हासिल की थी और धनानी चुनाव के बाद राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बने थे।
अमरेली में तीनों प्रमुख उम्मीदवार पाटीदार थे। अमरेली में भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से जीतती रही है। युवा परेश धनानी के लिए 2002 का चुनाव एक ऐतिहासिक क्षण था। 2002 के हिंदू-मुस्लिम दंगों के बाद हुए चुनावों में भाजपा के पक्ष में एक बड़ी लहर के बावजूद धनानी ने अमरेली पर जीत दर्ज की थी क्योंकि 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद पाटीदार समुदाय ने ठगा हुआ महसूस किया था।
धनानी ने तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2012 में दूसरी बार चुने जाने के बाद उनकी राजनीति ने गति पकड़ी। 2017 में धनानी को उनके सहयोगियों ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया। धनानी जीत गए, लेकिन कांग्रेस विधानसभा में बहुमत हासिल करने से चूक गई। पिछले चुनाव में पूर्व मंत्री बावकु उंधड को हराने के बाद पटेल को 2017 में विपक्ष का नेता बनाया गया था।
भाजपा के लिए अमरेली को फिर से जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न था, जहां हर दूसरा मतदाता पाटीदार है। कोली लगभग 15 प्रतिशत हैं, जबकि शेष में उच्च जाति, दलित और मुस्लिम मतदाता हैं। अमरेली शहर को छोड़कर निर्वाचन क्षेत्र मुख्य रूप से एक ग्रामीण क्षेत्र है।
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