(अनिल दुबे)
भोपाल, 14 नवंबर मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही कांग्रेस को राज्य के उन 21 विधानसभा क्षेत्रों में लाभ मिलने की आशा है जहां से पिछले साल उसके नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ गुजरी थी। पार्टी राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आयी थी लेकिन वह बीच में ही अपनी सरकार गंवा बैठी।
इस साल मई में कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तारीफ की थी। इस यात्रा के दौरान गांधी कर्नाटक में जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरे थे उनमें से 15 में पार्टी चुनाव में विजयी रही।
अब कांग्रेस को मध्य प्रदेश में ऐसा ही परिणाम मिलने की उम्मीद है। राज्य में 17 नवंबर को एक ही चरण में सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान होगा।
पिछले महीने कांग्रेस ने करगिल में लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव में बहुमत हासिल किया था और पार्टी ने कहा था कि यह गांधी की पदयात्रा का सीधा असर है।
भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश चरण में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने मालवा-निमाड़ क्षेत्र के छह जिलों-- बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा के 21 विधानसभा क्षेत्रों में 380 किलोमीटर की पदयात्रा की थी।
पार्टी नेताओं में ऐसी भावना थी कि यह यात्रा कार्यकर्ताओं में नया उत्साह पैदा करेगी और प्रदेश इकाई में नयी ऊर्जा भरेगी जिसके फलस्वरूप पार्टी 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होगी।
निवर्तमान विधानसभा में भाजपा के पास मध्य प्रदेश में इस यात्रा मार्ग में पड़ने वाली 21 सीटों में से 14 सीटें हैं जबकि कांग्रेस के पास सात सीट हैं।
मालवा-निमाड़ क्षेत्र से आने वाले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से निश्चित ही फर्क पड़ेगा और पार्टी की सीटों की संख्या में वृद्धि होगी।
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