कांग्रेस की मांग, कश्मीरी पंडितों की पीड़ा पर ‘श्वेत पत्र’ लाए मोदी सरकार

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां से कई कश्मीरी पंडित परिवारों के कथित पलायन को लेकर केंद्र सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधा और कहा कि केंद्र को ‘श्वेत पत्र’ लाकर यह बताना चाहिए कि उसने कश्मीरी पंडितों की पीड़ा दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं.

कांग्रेस (Photo Credits ANI)

नई  दिल्ली, 27 अक्टूबर:  कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां से कई कश्मीरी पंडित परिवारों के कथित पलायन को लेकर केंद्र सरकार पर बृहस्पतिवार को निशाना साधा और कहा कि केंद्र को ‘श्वेत पत्र’ लाकर यह बताना चाहिए कि उसने कश्मीरी पंडितों की पीड़ा दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं. पार्टी ने यह दावा भी किया कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अक्टूबर तक कश्मीरी पंडितों की ‘टार्गेट किलिंग (लक्षित हत्याओं)’ की 30 घटनाएं हो चुकी हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘इस साल, कश्मीर में 30 टार्गेट किलिंग हो चुकी हैं.

पंडितों का पलायन तेज़ी से बढ़ रहा है। भाजपा ने संप्रग द्वारा किए गए अच्छे कामों को बर्बाद कर दिया है। सत्ता में आने से पहले बड़ी-बड़ी बातें करने वाले प्रधानमंत्री सत्ता भोग रहे हैं और कश्मीरी पंडित अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए हैं. पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शोपियां जैसे इलाके में कश्मीरी पंडित 32 साल तक डटे रहे। लेकिन जब हम दिवाली हर्षोल्लास के साथ मना रहे थे, उसी रात शोपियां से 15 कश्मीरी पंडित परिवार अपने पुश्तैनी घर छोड़ने को मजबूर हो रहे थे. यह भी पढ़े: Kashmiri Pandit Murder: शोपियां में कश्मीरी पंडित की हत्या पर प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरा, कहा- ठोस कदम उठाने होंगे

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने 70 मंत्रियों को सपंर्क अभियान में लगा रखा है। क्या एक भी मंत्री कश्मीरी पंडितों के शिविरों में गया? अगर कोई मंत्री कश्मीरी पंडितों के यहां नहीं गया तो फिर कश्मीर में इस संपर्क अभियान का क्या मतलब है ?’’ उनका कहना था, ‘‘जब 1989 में कश्मीरी पंडितों का पहला विस्थापन हुआ था, उस समय केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार थी, उसे भाजपा के सर्वेसर्वा लालकृष्ण आडवाणी का पूर्ण समर्थन था। इस मुद्दे पर भाजपा ने सरकार से समर्थन भी वापस नहीं लिया था.

खेड़ा ने दावा किया कि इस साल अब तक ‘लक्षित हत्या’ की 30 घटनाएं हो चुकी हैं और भाजपा के लिए यह सामान्य स्थिति है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की सरकार के समय जम्मू के बाहर जगती टाउनशिप में कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए कलस्टर बनाए गए थे, तब 4500 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को वहां बसाया गया था। उस समय स्थिति सामान्य हो गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे। जो आपने (केंद्र ने) किया और जो नहीं किया, श्वेत पत्र में वह सब होना चाहिए। कश्मीरी पंडितों की हत्या पर प्रधानमंत्री को जवाब देना पड़ेगा.

कश्मीर के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू के एक लेख से जुड़े सवाल पर खेड़ा ने कहा कि ‘व्हाट्सअप नर्सरी’ वाले भाजपा के नेताओं को फिर से इतिहास का अध्ययन करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर भाजपा नेताओं को लगता है कि उनकी बातें सही हैं तो इन दो सवालों का जवाब दें कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते जम्मू-कश्मीर में 75 प्रतिशत मतदान कैसे होता था और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याएं कैसे बंद होंगी?’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया ‘‘भाजपा नेताओं को समकालीन इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता, तथा ऐसे में वे सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं. खेड़ा ने कहा कि भाजपा को 1989-1990 की स्थिति और मौजूदा स्थिति के लिए माफी मांगनी चाहिए.

उधर, दक्षिण कश्मीर के शोपियां में अधिकारियों ने कश्मीर पंडितों के पलायन की बात को सिरे से खारिज कर दिया। शोपियां के सूचना और जनसंपर्क विभाग के एक सत्यापित ट्विटर एकाउंट में दावा किया गया कि ‘‘कश्मीरी अप्रवासी हिंदू आबादी’’ के पलायन की खबरें ‘‘निराधार’’ हैं.

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