इम्फाल, चार अक्टूबर कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने शुक्रवार को उखरुल हिंसा मामले की जांच की मांग की।
राज्य के उखरुल कस्बे में दो गुटों के बीच झड़प के दौरान भीड़ ने एक पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था और हथियार लूट लिए थे।
कस्बे में ‘स्वच्छता अभियान’ के तहत एक विवादित भूमि की सफाई को लेकर बुधवार को दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हो गए थे।
मेघचंद्र ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मणिपुर सरकार उपद्रवियों को हथियारों की आपूर्ति करने वाली बन गई है, जैसा कि उखरुल हिंसा में देखा गया, जब भीड़ ने एक और पुलिस थाने में लूटपाट की।’’ उन्होंने पूछा, ‘‘जब भी हिंसा भड़कती है तो पुलिस थानों से सरकारी हथियार क्यों लूटे जाते हैं। हम इसे लूटपाट नहीं कहेंगे, बल्कि हम इसे हथियारों की आपूर्ति कहेंगे।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और गृह विभाग समय रहते हिंसा को रोकने में विफल रहा।
मेघचंद्र ने यह भी मांग की कि इस बात की जांच कराई जाए कि उखरूल में हिंसा भड़कने के लिए कौन जिम्मेदार है और क्या इसमें कोई खुफिया विफलता थी।
इस बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव एवं मणिपुर के सह-प्रभारी क्रिस्टोफर तिलक ने कहा, ‘‘राज्य में हिंसा एक मानव निर्मित संकट है।’’
तिलक ने कहा, ‘‘पिछले साल शुरू हुई हिंसा के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। युवाओं के भविष्य पर बड़ा सवालिया निशान लगा हुआ है। रोजगार का मुख्य स्रोत कृषि गहरे संकट में है।’’
उन्होंने दावा किया कि राज्य में ‘डबल इंजन’ वाली सरकार ‘‘ठीक से काम नहीं कर रही है’’।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)