देश की खबरें | कांग्रेस ने पॉपकॉर्न के लिए अलग-अलग कर दर के लिए सरकार की आलोचना की

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर कांग्रेस ने रविवार को कहा कि जीएसटी के तहत पॉपकॉर्न के लिए तीन अलग-अलग कर दर ‘बेतुकी’ हैं और केवल प्रणाली की बढ़ती जटिलता को उजागर करती है।

पार्टी ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार जीएसटी 2.0 को लागू करने के लिए पूर्ण बदलाव शुरू करने का साहस दिखाएगी।

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) चोरी काफी ज्यादा है, इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी आम बात है, और जीएसटी प्रणाली को ‘धत्ता’ बताने के लिए स्थापित फर्जी कंपनियों की संख्या हजारों में है।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘जीएसटी के तहत पॉपकॉर्न के लिए तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब के बेतुके फैसले ने सोशल मीडिया पर मीम्स की सुनामी ला दी है। यह एक गंभीर मुद्दे को सामने लाता है: एक ऐसा सिस्टम जिसे ‘गुड और सिंपल’ होना था, लेकिन उसकी जटिलताएं बढ़ती ही जा रही हैं।’’

रमेश ने कहा, ‘‘ जीएसटी की चोरी गंभीर मामला है, इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी आम है और जीएसटी सिस्टम में ‘खेल करने’ के लिए स्थापित फर्जी कंपनियों की संख्या हजारों में है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आपूर्ति श्रृंखलाओं की ट्रैकिंग कमज़ोर है, पंजीकरण प्रक्रिया खामियों से भरी हुई है, टर्नओवर में मिलने वाली छूट में व्याप्त खामियों का फ़ायदा उठाया जा रहा है, अनुपालन आवश्यकताएं अभी भी कष्टकारी हैं, और वस्तुओं का गलत वर्गीकरण अक्सर होता है।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) द्वारा उजागर किए गए कर धोखाधड़ी के हालिया आंकड़ों से वित्त वर्ष 24 में 2.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चलता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्रीय बजट अब से केवल 40 दिन दूर है, क्या प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इसमें पूरी तरह से बदलाव लाने और जीएसटी 2.0 शुरू करने की हिम्मत दिखाएंगे?’’

जीएसटी परिषद ने शनिवार को पॉपकॉर्न पर कराधान के संबंध में स्पष्टीकरण जारी करने पर सहमति व्यक्त की और कहा कि पहले से पैक और लेबल लगे रेडी-टू-ईट स्नैक्स पर 12 प्रतिशत कर लगेगा, जबकि कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

पॉपकॉर्न की कर दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है और जीएसटी परिषद ने केवल इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) पॉपकॉर्न की वर्तमान कराधान व्यवस्था को स्पष्ट करने वाला एक परिपत्र जारी करेगा।

‘रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न’ में नमक और मसाले मिलाए जाते हैं। इसमें नमकीन के आवश्यक गुण होते हैं, पर वर्तमान में पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है बशर्ते यह पहले से पैक और लेबल नहीं किया गया हो।

यदि इसे पूर्व-पैकेज्ड और लेबलयुक्त रूप में आपूर्ति किया जाता है, तो 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

हालांकि, जब पॉपकॉर्न को चीनी (कारमेल पॉपकॉर्न) के साथ मिलाया जाता है, तो इसका मूल गुण चीनी कन्फेक्शनरी के समान हो जाता है, और इसलिए इसे एचएस 1704 90 90 के तहत वर्गीकृत किया जाएगा और स्पष्टीकरण के अनुसार इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

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