कोलकाता: लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार को भाजपा के ‘खरीद फरोख्त की नीति’ के प्रति सचेत करते हुए कहा कि ‘अरुणाचल में जो हुआ है उसकी काट के तौर पर’’ वह अपने राज्य में विपक्षी दलों के संपर्क में बने रहें. अरुणाचल प्रदेश में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में जदयू को सात सीटें मिली थीं और भाजपा (41 सीटें) के बाद वह राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई, लेकिन उसके छह विधायक बाद में भाजपा में शामिल हो गए.
गौरतलब है कि थोड़ समय के लिए छोड़कर पिछले करीब 15 साल से बिहार में जदयू-भाजपा गठबंधन सत्ता में है. चौधरी ने ट्वीट किया है, ‘‘प्रिय नीतीश कुमार जी, भाजपा से सावधान रहें, वह पूर्वोत्तर क्षेत्र के बदनाम शिकारियों की तरह ही शिकार अभियान (जनप्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त) में माहिर है.’’
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री को सलाह दिया कि बिहार में वह विपक्षी दलों के संपर्क में रहे क्योंकि वहां भी उन्हें ऐसी स्थित (खरीद-फरोख्त) का सामना करना पड़ सकता है.
अधीर रंजन चौधरी का ट्वीट:
@NitishKumar Ji, Explore new ideas which may include keeping in touch with the opposition in Bihar as an antidote to withstand the #ArunachalSyndrome.
Under the sun, the thirst of BJP party's wholesale aggression can not be quenched.
(3/3)
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) December 26, 2020
चौधरी ने ट्वीट किया है, ‘‘जैसा कि अभी आप अरुणाचल प्रदेश में झेल रहे हैं, टुकड़े होकर बिखरने से पहले नीतीश कुमार जी नए रास्ते तलाशें, जो कि संभवत: बिहार में विपक्षी दलों के साथ संपर्क में रहना हो सकता है, ताकि आप अरुणाचल वाली समस्या से बच सकें.’’
जदयू के विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद 60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में अब सत्तारूढ़ भाजपा के पास 48 विधायक हैं, जबकि जदयू के पास अब सिर्फ एक विधायक बच गया है. वहीं कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार-चार विधायक हैं.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
(3/3)
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) December 26, 2020
चौधरी ने ट्वीट किया है, ‘‘जैसा कि अभी आप अरुणाचल प्रदेश में झेल रहे हैं, टुकड़े होकर बिखरने से पहले नीतीश कुमार जी नए रास्ते तलाशें, जो कि संभवत: बिहार में विपक्षी दलों के साथ संपर्क में रहना हो सकता है, ताकि आप अरुणाचल वाली समस्या से बच सकें.’’
जदयू के विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद 60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में अब सत्तारूढ़ भाजपा के पास 48 विधायक हैं, जबकि जदयू के पास अब सिर्फ एक विधायक बच गया है. वहीं कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी के चार-चार विधायक हैं.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)