देश की खबरें | महाकुम्भ मेले में साधना, यज्ञ और तप के लिए अनुकूल माहौल: अधोक्षजानंद देवतीर्थ

महाकुम्भ नगर, 31 दिसंबर प्रयागराज में महाकुम्भ को लेकर की जा रही तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं एक साधु पुरुष हैं। वह यहां बार-बार आकर व्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे हैं जिससे धर्मावलंबियों का हौसला और मनोबल प्रबल हो रहा है। ऋषि-मुनियों और साधकों को साधना, यज्ञ और तप करने के लिए अनुकूल माहौल मिल रहा है।’’

शंकराचार्य ने इस बात पर भी जोर दिया कि महाकुंभ के दौरान अनुष्ठान और पूजा का पुण्य न केवल राज्य, बल्कि व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी प्राप्त होगा।

स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा, ‘‘कालांतर में भारत में विधर्मी शासन रहा जिसमें हमारे धार्मिक अनुष्ठानों को महत्व नहीं मिलता था। आज फिर से भारत भूमि में सनातन को मानने वालों का शासन आया है, जिसका असर यहां प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तीर्थ क्षेत्र में आने के लिए भक्ति और भक्त होना जरूरी है। कोई अभक्त और अशिष्ट शासक अहंकार से आएगा तो तीर्थ उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। जितना मुखर और उदार होकर मुख्यमंत्री जी ने साधु संतों के मान-सम्मान की व्यवस्था की है। ऐसे में साधु संत भी राज्य की समृद्धि, कल्याण, आर्थिक उत्थान की विशेष कामना करेंगे।’’

स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि उनके शिविर में असम से आए केले के पत्तों के बने आसन महाकुम्भ का प्रमुख आकर्षण बनने जा रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘‘सेक्टर 18 में स्थित शिविर में असम से 151 आसन आ चुके हैं। इसके साथ ही, पूर्वोत्तर से बड़ी संख्या में नारियल और कच्ची सुपारी भी लाई गई है। यह सभी चीजें महाकुम्भ के दौरान यज्ञशाला में हवन में उपयोग में लाई जाएंगी।’’

केले के बने आसन के बारे में उन्होंने बताया कि केले के पेड़ को काटकर और खोलकर सुखाया जाता है जिसके बाद इसे जोड़कर तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि पहली बार महाकुम्भ में इस तरह के आसन लाए गए हैं।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)