जरुरी जानकारी | निजी इक्विटी निवेश पर बाजार का अध्ययन करेगा प्रतिस्पर्धा आयोग

नयी दिल्ली, चार दिसंबर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग जल्द ही देश में निजी इक्विटी (पीई) निवेश को लेकर अध्ययन करेगा। इस अध्ययन का मकसद कंपनियों में निजी इक्विटी निवेशकों के निर्णय लेने के अधिकार से बाजार प्रतिस्पर्धा की स्थिति पर प्रभाव समेत विभिन्न पहलुओं का पता करना है।

आयोग के चेयरपर्सन अशोक कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को इस प्रस्तावित अध्ययन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते मौजूदा साल में देश में पीई निवेश रणनीतिक निवेश के स्तर को पार कर गया है।

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वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीसीआई) के एक वार्षिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम प्रतिस्पर्धा कानून और प्रक्रियाओं के विषय पर आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा कि इस अध्ययन में यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि क्या कंपनियों में निवेश करने वाले पीई निवेशकों के अधिकार उन निर्णयों को लेने में भूमिका निभाते हैं जिनसे बाजार में प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है।

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गुप्ता ने कहा कि बाजार में एक नयी धारणा देखी जा रही है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और अन्य विदेशी निवेश जैसे निवेश विकल्पों पर पीई निवेश भारी पड़ रहे हैं।

आयोग ने पाया कि पीई निवेशकों ने कुछ कंपनियों में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है और उन्हें उन कंपनियों के निदेशक मंडल में भी जगह मिली है।

गुप्ता ने कहा कि इनमें से कई पीई निवेशक एक ही उद्योग क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां होती हैं। ऐसे में कई कंपनियों के बीच अल्पांश शेयरधारकों के साझा मालिकाना हक और प्रतिस्पर्धा पर इसके प्रभाव को समझने की जरूरत है।

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