
कोच्चि, 17 अगस्त : केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि पत्नी की दूसरी महिलाओं से तुलना करना और उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने जैसे ताने कसना पति द्वारा मानसिक क्रूरता के समान है और महिला से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह ऐसे आचरण को बर्दाश्त करेगी. उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति की अपील पर यह टिप्पणी की है. व्यक्ति एवं महिला करीब 13 साल से अलग रह रहे थे तथा एक परिवार अदालत ने उनकी शादी को खत्म करने का आदेश दिया था. व्यक्ति ने उस आदेश को चुनौती देते हुए अपील की थी.
परिवार अदालत ने दोनों के बीच यौन संबंध नहीं होने के आधार पर शादी को खत्म कर दिया था जबकि उच्च न्यायालय ��एम मोदी को गिफ्ट में मिला सैनिटरी पैड्स? AI एडिटेड तस्वीर वायरल, जानें असली सच्चाई