नयी दिल्ली, 16 जुलाई ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की स्थिति की समीक्षा करने के लिए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल इस सप्ताह ब्रिटेन जाएंगे। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इनसे पहले हाल ही में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी ब्रिटेन गए थे।
वाणिज्य सचिव 17-18 जुलाई को ब्रिटेन यात्रा के दौरान प्रस्तावित व्यापार समझौते पर ब्रिटिश अधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे।
भारत की तरफ से वार्ता करने वाला दल 11वें दौर की वार्ता के लिए पहले से ब्रिटेन में है।
अधिकारी ने बताया कि वार्ता महत्वपूर्ण चरण में है।
भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और वस्तुओं के उत्पत्ति स्थल के नियमों जैसे मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं। इस समझौते के लिए वार्ता जनवरी, 2021 में शुरू हुई थी।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि समझौते के 26 अध्यायों में से 14 बंद कर दिए गए हैं। पांच अध्यायों में पर्यावरण, श्रम और डिजिटल व्यापार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण विवादास्पद मुद्दे हैं।
उन्होंने यहां कहा कि यह समझौता ‘सबसे जटिल’ है जिस पर भारत हस्ताक्षर करेगा।
वस्तुओं के उत्पत्ति स्थल के नियम’ (रूल्स ऑफ ऑरिजिन) प्रावधान न्यूनतम प्रसंस्करण निर्धारित करते हैं जो एफटीए देश में होना चाहिए ताकि अंतिम निर्मित उत्पाद को उस देश में मूल माल कहा जा सके।
इस प्रावधान के तहत, कोई भी देश जिसने भारत के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर किया है, वह सिर्फ एक लेबल लगाकर किसी तीसरे देश के माल को भारतीय बाजार में डंप नहीं कर सकता है। भारत को निर्यात करने के लिए उसे उस उत्पाद में एक निर्धारित मूल्यवर्द्धन करना होगा। मूल नियमों के मानदंड माल की डंपिंग को रोकने में मदद करते हैं।
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