हैदराबाद, 4 जनवरी : कोविड-19 टीके कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीकों के मिश्रण को पहली और दूसरी खुराक के रूप में लेना चार गुणा ज्यादा प्रभावी है. एशियन हेल्थकेयर फाउंडेशन के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम के साथ शहर स्थित एआईजी हॉस्पिटल्स द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह कहा गया है. एआईजी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में सोमवार को बताया गया कि एंटीबॉडी प्रतिक्रिया की जांच के साथ-साथ कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिश्रण की सुरक्षा प्रोफ़ाइल निर्धारित करने के लिए अध्ययन किया गया था. एआईजी हॉस्पिटल्स के प्रमुख डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा कि अध्ययन की सबसे महत्वपूर्ण खोज यह थी कि मिश्रित टीका समूहों में पाए जाने वाले स्पाइक-प्रोटीन को निष्क्रिय करने वाले एंटीबॉडी समान टीका समूहों की तुलना में काफी अधिक थे.
अध्ययन में शामिल अनुसंधानकर्ताओं में से एक, डॉ रेड्डी ने कहा, “स्पाइक-प्रोटीन को निष्प्रभावी करने वाली एंटीबॉडी वे हैं जो वायरस को मारती हैं और समग्र संक्रामकता को कम करती हैं. हमने पाया कि जब पहली और दूसरी खुराक अलग-अलग टीकों की होती है, तो स्पाइक-प्रोटीन एंटीबॉडी प्रतिक्रिया एक ही टीके की दो-खुराक की तुलना में चार गुना अधिक होती है.” यह भी पढ़ें : शेयर बाजार में दो दिन से जारी तेजी से निवेशकों की संपत्ति 4.76 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
उन्होंने कहा कि निष्कर्ष विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जब तीसरी अतिरिक्त खुराक देने पर विचार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मजबूत एंटीबॉडी प्रतिक्रिया प्राप्त करना और वायरस को मारने में मदद करना है. रेड्डी ने कहा कि मिश्रित खुराक निश्चित रूप से इन स्पाइक-प्रोटीन को बेअसर करने वाले एंटीबॉडी को बढ़ावा दे सकती है और ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ भी टीकों की प्रभावशीलता को बढ़ाएगी. अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि कोविड-19 टीके (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) का मिश्रण उच्च एंटीबॉडी प्रतिक्रिया प्रदान करता है और साथ ही सुरक्षित भी है.