देश की खबरें | डूब चुके पोत से प्रदूषण फैलने की आशंका पर नजर रख रहा तटरक्षक बल

मंगलुरु, 24 जून तटरक्षक बल डूब चुके विदेशी पोत एमवी प्रिंसेज मिराल से तेल निकलने की स्थिति में समुद्र में होने वाले प्रदूषण के बारे में जानकारी जुटाने के लिए छह पोत और दो विमानों का इस्तेमाल कर रहा है।

कर्नाटक तटरक्षक कमांडर और उप महानिरीक्षक बी.एस. वेंकटेश ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि निगरानी, मानचित्रण और इलाके में तेल फैलने की समस्या से निपटने के लिए छह पोत और दो डोर्नियर विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधन एजेंसियों के दो जहाजों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त और जलमग्न पोत में 220 टन ईंधन होने की सूचना है।

वेंकटेश ने कहा कि तटरक्षक बल राज्य प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, न्यू मैंगलोर पोर्ट ट्रस्ट (एनएमपीटी) और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) के साथ समन्वय कर रहा है ताकि डूबे हुए पोत से बड़े पैमाने पर तेल रिसाव के किसी भी खतरे को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि अब तक केवल खराब इंजन और गंदे पानी की टंकियों से तेल निकलने के संकेत मिले हैं।

उन्होंने कहा कि निरंतर अभियान चलाने के लिए एक विशेष प्रदूषण नियंत्रण पोत आईसीजीएस समुद्र पावक, पोरबंदर से रवाना हुआ है। वह शनिवार सुबह यहां पहुंचेगा।

वेंकटेश ने कहा कि समुद्र में प्रदूषण पैदा होने से रोकने के लिए पूरे क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है।

एक त्वरित खोज और बचाव (एसएआर) मिशन के तहत भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने तकनीकी खराबी के बाद पानी में डूब रहे विदेशी वाणिज्यिक जहाज ‘‘एमवी प्रिंसेस मिरल’’ से सीरिया के 15 नाविकों को 21 जून को बचाया था।

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