नयी दिल्ली, 22 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के अपने उस आदेश को सोमवार को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) भारतीय खेलों की सर्वोच्च संस्था के कामकाज को नहीं संभालेगी।
न्यायमूर्ति एस ए नज़ीर और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ ने आईओए द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब भी मांगा।
पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किया गया है। अगले आदेश तक यथास्थिति बनी रहेगी। चार सप्ताह के बाद सूची तैयार करें।’’
इस मामले में अगली सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले केंद्र और आईओए की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उन दलीलों पर गौर किया कि इस आदेश का देश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने इसके बाद आईओए के मामलों में यथास्थिति बनाए रखने के लिए अंतरिम राहत का आदेश दिया।
उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और विदेश मंत्रालय के पूर्व सचिव विकास स्वरूप शामिल हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 अगस्त को आईओए के मामलों के संचालन के लिए सीओए के गठन का आदेश दिया था।
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