ताजा खबरें | जलवायु चर्चा दो अंतिम लोस

तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से जलीय जीव और खेती सहित सभी का जीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में अगर अभी नहीं जागे तो अगले कुछ साल में जीना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें राजनीति से उठकर एक होकर इस समस्या से निपटना होगा।

दस्तीदार ने यह भी कहा कि हमारी पीढ़ी, खासतौर पर विकसित देशों ने अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन किया है। उन्होंने कहा कि हमें अक्षय ऊर्जा या नवीकरणीय ऊर्जा की ओर आना होगा, वहीं जीवाश्म ईंधन के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से या पूरी तरह समाप्त करना होगा।

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के कोटागिरि श्रीधर ने कहा कि हमारे यहां सभी राजनीतिक दलों के लोग जलवायु परिवर्तन को समस्या मानते हैं जबकि अमेरिका में इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कार्बन उत्सर्जन कटौती की प्रतिबद्धता जताई है।

श्रीधर ने कहा कि राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारक वाहनों से होने वाला प्रदूषण है और हमें विद्युत चालित वाहनों पर ही निर्भर रहना होगा।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए शिवसेना के राहुल शिवाले ने कहा कि महानगरों में क्षमता से अधिक आबादी रहने से स्थिति खराब हो रही है और सीधे पर्यावरण और जलवायु पर असर पड़ रहा है। उद्योगों से भी प्रदूषण होता है।

जदयू के दिलेश्वर कमैत ने कहा कि समुद्र का जलस्तर बढ़ने से शहरों के डूबने का खतरा है। अति दोहन के कारण दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भूजल समाप्त होने के कगार पर है और यहां तक कि पहाड़ी क्षेत्र भी पानी की कमी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि मौसमी बदलाव के कारण आपदाएं होने से बड़े स्तर पर विस्थापन होने की आशंका हैं।

बीजद के अच्युतानंद सामंत ने कहा कि लॉकडाउन में जलवायु प्रदूषण और गंगा में प्रदूषण में कमी साफ देखी गयी। इसके मद्देनजर हमें इस बारे में विचार करना होगा।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से गरीबी और असमानता पर असर पड़ रहा है और इससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास हर स्तर पर करने चाहिए।

बसपा के रीतेश पांडेय ने कहा कि हम देश के रूप में जलवायु संकट के लिए तैयार नहीं लगते।

उन्होंने कहा कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में बड़ी प्रगति अर्जित की है लेकिन अब भी हमारी 70 प्रतिशत ऊर्जा कोयले से आती है। उन्होंने कहा कि हमें जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करनी होगी।

कांग्रेस के प्रद्युत बारदोलोई ने कहा कि सरकार को वर्षा वनों की कटाई करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

चर्चा अधूरी रही।

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