अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो का दावा, कहा- चीन अब भी दुनिया से COVID-19 मरीजों का आकड़ा छुपा रहा है
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Photo Credit- Instagram)

वाशिंगटन, 9 मई: चीन कोविड-19 (Covid-19) संबंधी आंकड़ों को अब भी दुनिया से छिपा रहा है और उसे ढकने की कोशिश कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने यह दावा किया है और कहा है कि उनके पास इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि चीन (China) के वुहान शहर में एक प्रयोगाशाला उम्मीद से कम काम कर रही थी और कोरोना वायरस (Coronavirus) संभवत: वहीं से निकला है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डेटा के मुताबिक शुक्रवार तक 78,000 से ज्यादा अमेरिकियों की इस घातक वायरस से मौत हो चुकी है और अब तक13 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं. दुनिया भर में इसने 2,74,000 लोगों की जान ली है और 39 लाख लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं.

पोम्पिओ ने शुक्रवार को बेन शेपिरो को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "मैंने पर्याप्त साक्ष्य देखे हैं जो बताते हैं कि प्रयोगशाला उम्मीद के हिसाब से काम नहीं कर रही थी, वहां सुरक्षा संबंधी जोखिम थे और यह कि वायरस का उद्भव संभवत: वहीं से हुआ है." उन्होंने कहा, "हमें जवाब चाहिए. लोग अब भी मर रहे हैं." अमेरिका और बाकी पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की रफ्तार कोविड-19 के कारण थम गई है.

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पोम्पिओ ने कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था सचमुच संघर्ष कर रही है और यह सब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सूचनाओं को दबाने-छिपाने का सीधा परिणाम है जिसने उन डॉक्टरों को सामने नहीं आने दिया जो इस वायरस की शुरुआत के बारे में बताना चाहते थे, कैसे एक मरीज से यह दूसरे मरीज में फैला और हमारे पास अब तक उनके जवाब नहीं हैं." उन्होंने कहा, "अब भी, 120 दिन से ऊपर हो गए हैं जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को वायरस के बारे में पता चल गया था, लेकिन वह अमेरिकी लोगों और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों से डेटा छिपा रही है."

उनसे जब पूछा गया कि क्या चीनी सरकार देश में जो कुछ हुआ, उसकी जांच में बाधा डालने की कोशिश कर रही है, तो उन्होंने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया ने जब कहा कि उन्हें जांच चाहिए तो देश में चीन के राजदूत ने कहा कि हम आर्थिक रूप से आपको परेशान करेंगे.” पोम्पिओ ने कहा, “यह चीनी राजनीतिक दुस्साहस का सबसे बुरा रूप है. हमने यह देखा है, हमने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को यह पहले भी करते देखा है जहां वह छोटे देशों को डराती-धमकाती है, अपनी आर्थिक शक्ति का प्रयोग अपना प्रभाव दिखाने के लिए करती है."

उधर चीन ने कोरोना वायरस प्रकोप के विस्तार को छिपाने से इनकार किया है और अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वह वुहान की विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से वायरस के उद्भव की बात कहकर लोगों का ध्यान भटका रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पिछले महीने कहा था, "विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोविड-19 की जानकारी देने वाला पहला देश चीन था और इसका यह मतलब नहीं है कि वायरस वुहान से पनपा है." वहीं अमेरिकी प्रशासन को अपने ही देश की विपक्षी पार्टियों की आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है.

डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार एवं पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइ़डेन ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोविड-19 वैश्विक महामारी के लिए तैयारी करने में बुरी तरह विफल रहे. उन्होंने कहा कि ट्रंप की समग्र आर्थिक रणनीति अमीर एवं बड़ी संस्थाओं की मदद करने पर केंद्रित है. बाइडेन ने नीति को लेकर दिए एक बड़े भाषण में मात्र अप्रैल में 2.05 करोड़ नौकरियां जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि यह आर्थिक आपदा है जो किसी भी दशक के मुकाबले सबसे बुरी है और यह इतनी बुरी इसलिए हुई क्योंकि इससे इस तरीके से नहीं निपटा जाना चाहिए था.

उन्होंने ट्रंप की विनाशकारी अर्थव्यवस्था पर अपनी टिप्पणी में कहा, "डोनाल्ड ट्रंप इस वैश्विक महामारी से निपटने की तैयारी करने में बुरी तरफ विफल रहे और हमारे देश में लगभग सबसे बुरे आर्थिक परिदृश्य के खिलाफ देश को सुरक्षित करने के लिए जरूरी कदम उठाने में देरी की." बाइडेन ने आरोप लगाया कि कोविड-19 के कारण बड़ी आर्थिक चुनौती उत्पन्न हुई है लेकिन इस संकट ने अमेरिका को ज्यादा बुरी तरह प्रभावित किया है और इसका असर लंबा रहेगा क्योंकि ट्रंप ने पिछले तीन साल अमेरिकी आर्थिक ताकत के महत्त्वपूर्ण स्तंभों को कमतर आंकने में खर्च कर दिए.

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