
महाकुंभ नगर, छह फरवरी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि तिब्बत भारत का शीश है तथा चीन तिब्बत की प्रकृति, संस्कृति और स्वभाव को नष्ट कर रहा है।
यहां बौद्ध महाकुंभ यात्रा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन भारत सरकार ने यदि चीन का विरोध किया होता तो आज तिब्बत चीन के कब्जे में नहीं होता।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा, “तिब्बत स्वतंत्र होगा तो कैलाश मानसरोवर अपने आप मुक्त हो जाएगा। ’’
उन्होंने कहा,‘‘ भारत में जन्मे धर्म और पंथ में जो शांति और तेज है वह विश्व में कहीं नहीं है। बौद्ध और सनातन एकता में किसी प्रकार का शक नहीं होना चाहिए। छुआछूत का दंश अब भी जिंदा है। हमें मन, बुद्धि, कर्म और आचरण से इसे निकालना है।’’
म्यांमार से आए जोड़ा डोलो ने कहा ,‘‘ बौद्ध एवं सनातन की एकता से हम पूरे विश्व को करुणा एवं मैत्री सिखाएंगे।’’
भंते शील रतन ने कहा कि बुद्ध की विचारधारा ही सनातन है एवं बुद्ध भी सनातनी हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रांत प्रचारक रमेश , विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, भंते देवानंद वर्धन उपस्थित रहे।
राजेंद्र
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