जयपुर, 12 दिसंबर प्रशासनिक अधिकारियों, एनडीआरएफ के जवानों और स्थानीय लोगों की अथक मेहनत के बावजूद बोरवेल में गिरे पांच साल के बच्चे को सकुशल नहीं निकाला जा सकता। लगातार 56 घंटे की कोशिश के बाद बुधवार देर रात जब वे बच्चे के पास पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी।
नांगल राजावतान के उपखंड अधिकारी यशवंत मीणा के मुताबिक, बच्चे का आज पोस्टमार्टम किया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया।
घटना दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में सोमवार दोपहर हुई जब पांच साल का आर्यन खेत में खेल रहा था और अपनी मां के सामने ही गलती से खुले बोरवेल में गिर गया।
अपने खेत में रोजाना की तरह काम कर रही गुड्डी देवी को जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसका बेटा पल भर में 150 फुट गहरे बोरवेल में फंस जाएगा। वह कुछ समझ पाती इससे पहले तो आर्यन उस गड्ढे में समा चुका था जो अंततः उसके लिए 'मौत का कुआं' साबित हुआ।
बचाव अभियान के दौरान गुड्डी देवी बार-बार बेहोश हो रही थी और होश में आने पर अपने बेटे के बारे में पूछती रही। उसके पिता उस पल को कोस रहे थे जब उन्होंने तीन साल पहले यह बोरवेल खोदा था, जो कभी शुरू नहीं हो सका। उनके ही खेत में खुला बोरवेल बच्चे की मौत का कारण बन गया।
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार दोपहर को घटना के एक घंटे बाद शुरू हुआ बचाव अभियान 56 घंटे बाद आर्यन का शव निकालने के साथ खत्म हुआ। घटनास्थल पर लगातार डेरा डाले लोगों को उम्मीद थी कि बच्चे को बचा लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर से मंगाई गई ड्रिलिंग मशीनों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ स्थानीय लोगों के प्रयासों से खुदाई का काम पूरा हुआ।
बचाव अभियान में शामिल एक अधिकारी ने बताया, “अभियान में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सबसे पहले रस्सी फेंक कर बच्चे को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।”
इस बीच बोरवेल के पास ही खुले मैदान में खुदाई का काम शुरू हुआ, ताकि आर्यन को बाहर निकालने के लिए 150 फुट गहरी सुरंग बनाई जा सके।
उन्होंने बताया कि आर्यन को पर्याप्त ऑक्सीजन मिले, इसके लिए ऑक्सीजन पाइप डाली गई और उसकी हरकतों को देखने के लिए कैमरा भी लगाया गया, लेकिन भूमिगत पानी के कारण बच्चे की हरकतों पर लगातार नजर रखना संभव नहीं था।
खुदाई के काम के बीच कुछ स्थानीय लोग रस्सी और अन्य उपकरणों की मदद से उसे बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। आखिरकार कल रात बच्चे को उस बोरवेल से बाहर निकाला गया जिसमें वह गिरा था।
हालांकि सभी की उम्मीदें तब टूट गईं जब जिला अस्पताल के डॉक्टर ने आर्यन को मृत घोषित कर दिया।
बच्चे को बाहर निकाले जाने के समय वहां लोगों की भारी भीड़ थी जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बच्चे को तुरंत 'एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम' से लैस एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने सभी जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
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