नयी दिल्ली, तीन अप्रैल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में सांप्रदायिक हिंसा के लिए सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि वह शासन करने की अपनी इच्छा खो चुके हैं। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की बजाय उन्हें राज्य का खयाल करना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्थिति से निपटने की नीतीश की इच्छा पर सवाल उठाया, तो बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने हिंसा के लिए भाजपा और दक्षिणपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहराने के लिए राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं पर निशाना साधा और आश्चर्य जताया कि सरकार ने इस तरह की साजिश का पर्दाफाश क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह भाजपा की साजिश है, तो आपने इसका पर्दाफाश क्यों नहीं किया? राज्य भर में रामनवमी जुलूस में भाग लेने वाले लाखों लोग भाजपा के सदस्य नहीं हैं, लेकिन हिंदू समाज से संबंधित हैं। वे किसी भी पार्टी से हो सकते हैं। मुख्यमंत्री के रूप में अपने 17 साल के कार्यकाल में पहली बार नीतीश कुमार ऐसी स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ रहे हैं।’’
प्रसाद ने कहा कि पिछले साल ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, क्योंकि पर्याप्त सुरक्षा तैनाती की गई थी।
उन्होंने सवाल किया कि इस साल सख्त कदम क्यों नहीं उठाए गए।
दोनों नेताओं ने कहा कि हिंसा की खबरें उन स्थानों से मिली हैं, जो ‘ज्ञात संवेदनशील क्षेत्र’ रहे हैं, लेकिन फिर भी रोकने के उपाय नहीं किए गए।
प्रसाद ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘निर्दोष लोग मारे गए हैं। ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार ने शासन करने की अपनी इच्छा खो दी है। नीतीश जी प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना बंद करें और इसके बजाय राज्य की देखभाल करें।’’
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