देश की खबरें | मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान के लिए ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों का आभार जताया

नयी दिल्ली, एक दिसंबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सकुशल निकालने के अभियान में शामिल रहे शहर के खनन विशेषज्ञों से मुलाकात की और देश के लोगों की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया।

उत्तराखंड में एक सुरंग का एक हिस्सा ढहने से मजदूर उसमें फंस गए थे। 17 दिनों तक विभिन्न-एजेंसियों की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को उन्हें बाहर निकाल लिया गया।

केजरीवाल ने एक बयान में कहा, ‘‘इस स्वार्थी दुनिया में कोई किसी के बारे में नहीं सोचता, लेकिन इन श्रमवीरों ने खुद की परवाह किए बिना दिन-रात काम किया और 41 लोगों की जान बचाई।’’

केजरीवाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि ये सभी लोग दिल्ली के रहने वाले हैं और वर्षों से दिल्ली जल बोर्ड के लिए काम कर रहे हैं।

‘रैट-होल-माइनिंग’ तकनीक के विशेषज्ञों की टीम वर्षों से हाथ से खुदाई करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से जुड़ी हुई है।

मलबे को साफ करते समय एक अमेरिकी ऑगर मशीन के समक्ष बाधा आने के बाद ‘ड्रिलिंग’ के लिए ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों के 12 सदस्यीय दल को बुलाया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, इन 12 लोगों में से कुछ दिल्ली जल बोर्ड के लिए सीवर लाइन और पाइपलाइन बिछाने का काम करने वाले भी शामिल थे।

‘रैट-होल’ खनिकों ने मुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए बचाव अभियान के बारे में बताया।

बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने कहा कि अमेरिकी ऑगर मशीन बेहद गर्म थी। यहां तक कि जिस सरिया को उन्हें हटाना था वह भी काफी गर्म था। उनके बीच इंच भर की दूरी थी। इसे हटाना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।’’

बयान के मुताबिक, एलआर शर्मा कंपनी से संबद्ध 12 से अधिक खननकर्ता दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े हुए हैं। बयान में कहा गया है कि नांगलोई से झाड़ू राम, महावीर विहार कॉलोनी से राधे रमन दुबे, अमित कुमार रजक और टिंकू दूबे, जय विहार फेज-तीन बापरोला से शशिकांत कुमार, निर्मल मिश्रा बचाव अभियान में शामिल हुए थे।

इसमें कहा गया है कि मोहम्मद अहमद, नांगलोई के ओम प्रकाश, कंझावला के धीरेंद्र राय, राकेश राजपूत, महिपाल लोधी, सूर्य मोहन राय, प्रसादी लोधी, भूपेन्द्र लोधी और जटराम लोधी सहित अन्य खनिकों को सुरंगों के अंदर पाइप डालने के लिए हाथ से खुदाई करने के काम का अनुभव है।

‘रैट-होल’ खनन में श्रमिकों के प्रवेश और कोयला निकालने के लिए आमतौर पर तीन-चार फुट गहरी संकीर्ण सुरंगों की खुदाई की जाती है। लंबवत सुरंगों को अक्सर “चूहे का बिल” (रैट होल) कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक सुरंग लगभग एक व्यक्ति के प्रवेश के लिए ही उपयुक्त होती है।

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पार्टी के सांसद मनोज तिवारी के साथ शहर के छह खनन विशेषज्ञों के एक समूह को सम्मानित किया। ये उत्तरकाशी में बचाव अभियान में शामिल रहे थे।

दिल्ली भाजपा के एक बयान में कहा गया है कि सचदेवा ने ‘रैट-होल-माइनिंग’ तकनीक के छह विशेषज्ञों- वकील हसन, मुन्ना कुरैशी, राशिद अंसारी, नसीम मलिक, इरशाद अंसारी और फिरोज कुरैशी में से प्रत्येक को 25,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की।

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