
नयी दिल्ली, नौ मई राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने नक्सलियों और अन्य आपराधिक तत्वों को हथियारों की आपूर्ति में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान के मुताबिक, एनआईए ने विकास कुमार, सत्यम कुमार, देवमणि राय और अहमद अंसारी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिन पर स्थानीय पुलिस ने पहले शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप लगाए थे।
एनआईए पिछले साल मई से मामले की जांच कर रही है।
जांच एजेंसी की ओर से जारी बयान के अनुसार, आरोपियों ने “नक्सलियों और अन्य आपराधिक तत्वों के लिए प्रतिबंधित हथियारों की अवैध खरीद और तस्करी की साजिश रची थी और इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे।”
बयान में कहा गया है कि आरोपियों ने एक साजिश के तहत इन हथियारों की खरीद के लिए धन जुटाया, जिसका मकसद देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना था।
इसमें कहा गया है कि पटना में बृहस्पतिवार को एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने पूरक आरोपपत्र में जांच एजेंसी ने चारों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने, उनकी वकालत करने, उकसाने या सलाह देने पर सजा का प्रावधान) और 18 (आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने, उनमें शामिल होने या उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सजा का प्रावधान) के तहत आरोप लगाए हैं।
बयान के मुताबिक, बिहार के मुजफ्फरपुर में एके-47 राइफल की जब्ती से जुड़े मामले की जांच के बाद यह आरोपपत्र दाखिल किया गया।
एनआईए ने कहा कि मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने सात मई 2024 को विकास और सत्यम के पास से एके-47 का बट और राइफल लेंस बरामद किया था।
जांच एजेंसी के अनुसार, “पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने मुजफ्फरपुर के फकुली थाना क्षेत्र के मनकौली निवासी देवमणि राय उर्फ अनीश को एक एके-47 राइफल और पांच जिंदा कारतूस मुहैया कराए थे।”
उसने बताया, “देवमणि के घर की तलाशी में राइफल और कारतूस बरामद हुए। मामले में आरोपी अहमद अंसारी के साथ तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)