ताशकंद, 15 अप्रैल पूर्व विश्व चैम्पियन मीराबाई चानू शुक्रवार से यहां शुरू होने वाली एशियाई भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में भारतीय चुनौती की अगुआई करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगी जिन्होंने पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया है।
भारतीय खिलाड़ियों ने पिछला टूर्नामेंट फरवरी 2020 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में खेला था लेकिन इसके बाद कोविड-19 महामारी के चलते भारोत्तोलन कार्यक्रम उथल पुथल हो गया और उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट दिसंबर 2019 में कतर अंतरराष्ट्रीय कप था।
महामारी के कारण पिछले साल स्थगित हुए गोल्ड स्तर के ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में 26 साल की चानू भारत के लिये पदक की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। 49 किग्रा वजन वर्ग में खेलने वाली चानू भी अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ (203 किग्रा) प्रदर्शन में सुधार करने और पोडियम स्थान हासिल करने के लिये उत्साहित होंगी। वह 2019 के चरण में मामूली अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गयी थीं।
चीन की झांग रोंग ने चानू की तरह 199 अंक का समान स्कोर बनाया था लेकिन स्नैच में अधिक अंक हासिल करने से भारतीय भारोत्तोलक पदक से चूक गयी।
पीठ की चोट से उबरने के बाद चानू के प्रदर्शन में लगातार सुधार हुआ है। 2019 विश्व चैम्पियनशिप में मणिपुरी खिलाड़ी ने 201 (87 किग्रा + 114 किग्रा) किग्रा का वजन उठाकर 200 किग्रा का आंकड़ा पार कर दिया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में था जिसमें उन्होंने स्नैच में 88 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा से कुल 203 किग्रा का वजन उठाया था। लेकिन इसके बाद कोविड-19 के कारण खेल गतिविधियां बंद हो गयीं।
वह पीठ के निचले हिस्से में दर्द के उपचार के लिये पिछले साल अमेरिका भी गयी थीं जिसका उन्हें फायदा मिलना चाहिए।
इस टूर्नामेंट में भाग लेकर चानू का ओलंपिक स्थान भी पक्का हो जायेगा क्योंकि वह छह में से पांच अनिवार्य क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में हिस्सा ले लेंगी।
नये नियमों के अंतर्गत तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने के लिये एक भारोत्तोलक को छह छह महीने (नवंबर 2018 से अप्रैल 2020) के तीन पीरियड में से प्रत्येक में एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेना चाहिए और कम से कम ओवरऑल छह प्रतियोगिताओं में जिसमें से एक कम से कम गोल्ड और सिल्वर स्तर की प्रतियोगिता हो।
पुरूष भारोत्तोलकों में सभी की निगाहें 2018 युवा ओलंपिक खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिनुंगा पर लगी होंगी। 18 साल का यह खिलाड़ी शीर्ष आठ से बाहर सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर काबिज एशियाई है और 67 किग्रा में 22वें स्थान पर काबिज है। वह अपने रेटिंग अंक बढ़ाने और ओलंपिक स्थान पक्का करने के लिये प्रतिबद्ध होगा।
मिजोरम के इस भारोत्तोलक ने स्नैच, क्लीन और जर्क तथा कुल भार में 306 किग्रा (140 किग्रा + 166 किग्रा) के प्रयास से अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना ही युवा विश्व और एशियाई रिकार्ड तोड़ा था।
अन्य भारतीयों में स्नेहा सोरेन (49 किग्रा), झिली डालबेहड़ा (45 किग्रा), पी अनुराधा (87 किग्रा), अचिंता शेयूली (73 किग्रा) और दो बार के स्वर्ण पदकधारी सतीश शिवलिंगम (81 किग्रा) चुनौती पेश करेंगे।
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