देश की खबरें | चंडीगढ़: लहराते राष्ट्रध्वज की सबसे बड़ी मानवीय श्रृंखला बनाने का नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

चंडीगढ़, 13 अगस्त चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने यहां लहराते राष्ट्रध्वज के आकार में दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाकर शनिवार को नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड (जीडब्ल्यूआर) बनाया।

विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय और अन्य विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के कम से कम 5,885 छात्र, एनआईडी फाउंडेशन के स्वयंसेवक और अन्य गणमान्य व्यक्ति यहां चंडीगढ़ क्रिकेट स्टेडियम में लहराते झंडे वाली छवि की मानव श्रृंखला बनाने के लिए एकत्र हुए।

यह उपलब्धि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पूर्व के रिकॉर्ड को तोड़कर प्राप्त की गई।

‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ के आधिकारिक निर्णायक स्वप्निल डांगरीकर ने कहा, ‘‘अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात के ‘जेम्स एजुकेशन’ का ‘लहराते राष्ट्रीय ध्वज की सबसे बड़ी मानव छवि’ का पिछला विश्व रिकॉर्ड टूट गया है और आज के कार्यक्रम में एनआईडी फाउंडेशन एवं चंडीगढ़ फाउंडेशन ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है।’’

यूएई ने 2017 में 4,130 लोगों की मदद से लहराते राष्ट्रीय ध्वज की सबसे बड़ी मानव छवि बनाने का रिकॉर्ड बनाया था।

इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, एनआईडी के मुख्य संरक्षक और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति सतनाम सिंह संधू और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

डांगरीकर ने राज्यपाल और विश्वविद्यालय के चांसलर को जीडब्ल्यूआर प्रमाणपत्र की एक प्रति सौंपी।

देश की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत चलाई जा रही ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम को मजबूती देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल पुरोहित ने कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करके चंडीगढ़ ने देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ में पूरी दुनिया को एक बहुत अच्छा संदेश दिया हौ।

पुरोहित ने कहा, ‘‘यह कार्यक्रम मेरी कल्पना से भी बड़ा बन गया है। मैं चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति और एनआईडी फाउंडेशन के प्रमुख संरक्षक सतनाम सिंह संधू को हार्दिक बधाई देता हूं, जिनकी टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय लोगों को एक साथ लाने, देशभक्ति की भावना का जश्न मनाने और देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि देने में जिस प्रकार सफल रहे हैं, वह अत्यंत सराहनीय है।’’

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