
नयी दिल्ली, सात फरवरी द्रमुक के सदस्यों ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों की गिरफ्तारी के मुद्दे को लोकसभा में उठाया तथा केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की।
द्रमुक के कई सदस्यों ने प्रश्नकाल के तुरंत बाद इस मुद्दे पर नारेबाजी की और बोलने की अनुमति मांगी। पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने इस मामले पर पार्टी सांसद कनिमोझी को बोलने की अनुमति दी।
कनिमोझी ने दावा किया कि राज्य के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा परेशान किया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है तथा उनमें से 97 से अधिक मछुआरे पड़ोसी देश की जेलों में बंद हैं।
उन्होंने दावा किया कि मछुआरों को गोली मारी जा रही है तथा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
कनिमोझी ने श्रीलंका द्वारा मछली पकड़ने वाली 210 से अधिक नौकाओं को जब्त किए जाने का दावा किया।
द्रमुक के नेतृत्व में तमिलनाडु के कांग्रेस और वाम दलों के सांसदों ने संसद परिसर में इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया।
सांसदों ने ‘तमिल मछुआरों के लिए न्याय’, ‘हमारे मछुआरों को वापस लाओ‘, ‘अब और गिरफ़्तारियां नहीं’ और ‘तमिलनाडु के मछुआरे भारतीय हैं’ लिखी तख्तियां थामे हुए मांग की कि सरकार इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकाले।
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